Thursday, April 25, 2024
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Rajat Sharma's Blog: सुशांत केस- सच्चाई से पर्दा उठाने में सीबीआई को अभी काफी वक्त लगेगा

जांच भावनाओं के आधार पर नहीं होती, उसके लिए सबूत चाहिए होते हैं और सबूत इकट्ठा करने में, उसे कोर्ट में पेश करने में और कोर्ट में अपनी बात मनवाने में बहुत वक्त लगता है।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: August 21, 2020 15:38 IST
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Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: सुशांत केस- सच्चाई से पर्दा उठाने में सीबीआई को अभी काफी वक्त लगेगा

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के लिए गुरुवार को एसपी नुपुर प्रसाद की अगुवाई में सीबीआई की टीम मुंबई पहुंची। इस टीम में सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) के 12 एक्सपर्ट्स भी शामिल हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह बांद्रा में मुंबई पुलिस के डीसीपी से मुलाकात कर सुशांत मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया। सीबीआई और मुंबई पुलिस के बीच किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप न हो, कन्फ्यूजन न हो और बेहतर कोऑर्डीनेशन हो, इसके लिए सीबीआई की तरफ से डीआईजी रैंक के अफसर मोहम्मद शावेज हक को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने सेंट्रल जांच एजेंसी के साथ सहयोग और बेहतर कोऑर्डीनेशन के लिए डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है।

सुशांत मामले में सच का पता लगाना सीबीआई के लिए एक बड़ी चुनौती है। सुशांत की मौत के बाद 68 दिनों का वक्त गुजर चुका है। फिर भी सीबीआई अधिकारियों को उम्मीद है कि वे इस मामले की तह तक पहुंचेंगे। सुशांत की मौत को लेकर लोगों के मन में शंकाएं बहुत गहरी हैं और सवाल भी बहुत सारे हैं। अब तक इतने किस्म की थ्योरीज दी जा चुकी हैं, इतने सारे दावे किए जा चुके हैं कि अब किसी बात पर यकीन करना मुश्किल है। सबसे बड़ा सवाल है कि सुशांत ने आत्महत्या की...या उसका मर्डर हुआ? ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि दावा किया जा रहा है कि सुशांत जिस कमरे में पंखे से लटका, वहां बेड और पंखे के बीच की ऊंचाई सुशांत की हाइट से कम है, तो फिर सुशांत फांसी कैसे लगा सकता है? कहा गया कि सुशांत के गले में जो निशान है वो उस कुर्ते के कपड़े का नहीं है, जिससे सुशांत की बॉडी लटकी मिली। किसी ने सुशांत की बॉडी को लटके नहीं देखा। इसलिए सीबीआई को सबसे पहले वे ठोस सबूत तलाशने होंगे जिनके आधार पर वह अदालत में इस सवाल का जवाब देगी कि सुशांत की मौत हत्या थी या फिर स्यूसाइड। 

सीबीआई की टीम अच्छी तरह से प्लानिंग करके मुंबई पहुंची है कि इस केस में कैसे आगे बढ़ना है। सबसे पहले सीबीआई की टीम मुंबई पुलिस से सारी जानकारी और डॉक्यूमेंटस लेगी, इसके बाद अपनी जांच शुरू करेगी। जांच टीम केस डायरी, पंचनामा, ऑटोप्सी रिपोर्ट, सुशांत की पांच पर्सनल डायरी के साथ ही और भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करेगी। सीबीआई उन डॉक्टर्स से भी पूछताछ करेगी जिन डॉक्टर्स ने सुशांत की बॉडी का पोस्टमार्टम किया था। जांच टीम उस फ्लैट का मुआयना भी करेगी जिसमें सुशांत की मौत हुई। हालांकि, ये फ्लैट सुशांत ने किराए पर लिया हुआ था और अब इसमें से सामान भी शिफ्ट किया जा चुका है और फ्लैट बंद है। सीएफएसएल टीम को इस फ्लैट की सीलिंग की हाइट, बेड की हाइट, पंखे और मैट्रेसस के बीच की हाइट नापने से पता चलेगा कि क्या वाकई में उंचाई इतनी थी, जिसमें कोई शख्स फांसी पर लटक सकता है। इसलिए अंतिम नतीजे तक पहुंचना उतना आसान नहीं होगा जितनी उम्मीद की जा रही है। 

इस बीच, सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंपने के आदेश के बाद गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार बैकफुट पर दिखी। सूत्रों की मानें तो सरकार अब सुशांत केस में सुप्रीम कोर्ट के सिंगल बेंच ऑर्डर के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगी। वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमारे लिए सर आंखों पर। कोर्ट ने बोल दिया तो कोई अड़ंगा नहीं होगा । पूरी जांच सीबीआई करेगी, हम पूरा सहयोग करेंगे। महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने भी यही बात कही कि सीबीआई जांच करे, हमें कोई दिक्कत नहीं है, हम सहयोग करेंगे। वहीं महाराष्ट्र बीजेपी ने भी प्रदेश की गठबंधन सरकार को नसीहत दी है कि सुप्रीम कोर्ट में मुंहक़ी खा चुकी और पुलिस की किरकिरी करा चुकी ठाकरे सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर किसी तरह की राजनीति न करते हुए सीबीआई को सहयोग करे।

सुशांत सिंह राजपूत के केस में इतने किरदार हैं, इतनी स्क्रिप्ट है, इतनी अटकलें हैं, इतने सीन हैं, इतनी बातें हैं कि सीबीआई के लिए सबको समेटना आसान नहीं होगा। इसलिए अगर कोई ये उम्मीद कर रहा है कि अब सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है और सारा सच दो-चार दिन  में या एक-दो हफ्ते में सामने आ जाएगा तो वो गलत है। अभी तो शुरुआत हुई है, इसका नतीजा आने में वक्त लगेगा। इसलिए सुशांत मामले का सच जानने के लिए हम सबको धैर्य रखना होगा और सीबीआई को थोड़ा वक्त देने की जरूरत है। जबतक ऐसे ठोस सबूत नहीं मिल जाते जो अदालतों में ठहर सकें, तबतक कोई भी प्रोफेशनल जांचकर्ता नतीजों तक पहुंचने का जोखिम नहीं उठाएगा। पुलिस की जांच भावनाओं के आधार पर नहीं होती, उसके लिए सबूत चाहिए होते हैं और सबूत इकट्ठा करने में, उसे कोर्ट में पेश करने में और कोर्ट में अपनी बात मनवाने में बहुत वक्त लगता है। 

सीबीआई तो मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस जिया खान की मौत के मामले की जांच 2013 से कर रही है। पुलिस ने इसे आत्महत्या का केस बताया था, लेकिन जिया की मां ने अदालत में कहा कि ये मर्डर था। इसी तरह नोएडा में एमिटी छात्र जस्टिन जॉन जेवियर की मौत 2009 में हुई थी। 18 साल के लड़के का शव स्वीमिंग पूल से मिला था। इसे पुलिस ने हादसा कहा, जबकि परिवारों वालों का कहना था कि जस्टिन की हत्या हुई है। सीबीआई 2010 से इस मामले की जांच कर रही है लेकिन ठोस सबूतों के अभाव में अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है। हम सभी को इसबार यह उम्मीद रखनी चाहिए कि सुशांत की मौत का रहस्य सीबीआई सुलझा लेगी। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 20 अगस्त, 2020 का पूरा एपिसोड

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