Monday, April 29, 2024
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उना दलित पिटाई मामला: पीड़ितों ने बौद्ध धर्म अपनाने का किया फैसला

गोरक्षकों ने मृत गायों की खाल उतारने पर उनके गांव के पास इन तीन भाइयों के साथ उनके पिता की कथित तौर पर पिटाई की थी...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: January 09, 2018 21:50 IST
una dalit assault- India TV Hindi
una dalit assault

अहमदाबाद: गुजरात के उना तहसील में पशु के शव की खाल उतारने के लिए गोरक्षकों ने कथित तौर पर जिस दलित परिवार की पिटाई की थी उसने बौद्ध धर्म स्वीकार करने का फैसला किया है। पिछले साल जुलाई में मोटा समधियाला गांव के सात दलितों की मृत गाय की खाल उतारने को लेकर कथित तौर पर कोड़े से पिटाई की गई थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में लोगों में रोष था।

बाद में इनमें से चार दलित युवकों को उना शहर ले जाया गया, जहां उन्हें वाहन से बांध दिया गया और गोरक्षकों ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की। इस दलित परिवार के एक सदस्य ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने पीड़ितों को नौकरी और जमीन का एक टुकड़ा देने का अपना वादा पूरा नहीं किया।

गोरक्षकों के समूह ने जिन तीन भाइयों की पिटाई की थी उनमें से सबसे बड़े भाई वशराम सरवैया ने कहा, ‘‘हमने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला किया है, क्योंकि मृत पशुओं की खाल उतारने के अपने पारंपरिक पेशे की वजह से हमें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा है।’’

गोरक्षकों ने 11 जुलाई 2016 को मृत गायों की खाल उतारने पर उनके गांव के पास इन तीन भाइयों के साथ उनके पिता की कथित तौर पर पिटाई की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तारीख तय नहीं की है, लेकिन हमने समुदाय के सदस्यों को साथ आने और बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म अपनाने को कहा है।’’ सरवैया ने आरोप लगाया कि सरकार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल द्वारा किए गए वादे के अनुरूप हमले के मामले में मुकदमा चलाने के लिये विशेष अदालत का गठन नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद खुला घूम रहे हैं और मामला खिंच रहा है। राज्य सरकार ने जो वादा किया था उसके अनुरूप हमें कुछ भी नहीं दिया गया है। हमें सिर्फ तीन लाख रुपये मिले हैं, जो अत्याचार के मामले में दलित पीड़ितों को दिये जाते हैं। हालांकि, उसमें से ज्यादातर रकम मुकदमे और दवाओं पर खर्च हो चुकी है क्योंकि हमारे पिता अशोक सरवैया पिटाई की वजह से अब भी उबरे नहीं हैं और उन्हें उपचार के लिये अहमदाबाद अस्पताल ले जाने की आवश्यकता होती है।’’

सरवैया ने कहा कि ज्यादातर आरोपियों के जमानत पर बाहर होने की वजह से परिवार के सदस्यों को अपने घर से बाहर निकलने में डर लगता है।

यह मामला तब प्रकाश में आया था जब गोरक्षकों द्वारा कोड़े से कथित तौर पर इन लोगों की पिटाई किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पुलिस ने इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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