Saturday, May 04, 2024
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DRDO ने बनाई देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट, स्नाइपर की गोली भी हो जाएगी फेल

भारत के लिए डीआरडीओ हर बार कुछ न कुछ बेहतर निर्माण कर रहा है। अब डीआरडीओ ने देश की सबसे हल्की बुलेट प्रुफ जैकेट का निर्माण किया है। हाल ही में TBRL चंडीगढ़ में इस जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Subhash Kumar Updated on: April 23, 2024 23:36 IST
DRDO द्वारा विकसित बुलेट प्रूफ जैकेट।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV DRDO द्वारा विकसित बुलेट प्रूफ जैकेट।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO बीते लंबे समय से रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत को विकास की राह पर ले जा रहा है। अब डीआरडीओ ने एक और कमाल किया है जिससे देश के सैनिकों को काफी बड़ा फायदा होगा। डीआरडीओ की रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDI), कानपुर ने देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है। ये जैकेट सैनिकों को 7.62 x 54 R API (BIS 17051 के लेवल 6) गोला-बारूद से सुरक्षा प्रदान करेगी।

नए अप्रोच के साथ बना है जैकेट

डीआरडीओ की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, विकसित की गई देश की सबसे हल्की बुलेट प्रुफ जैकेट का हाल ही में TBRL चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। डीआरडीओ ने इस बुलेट प्रुफ जैकेट को नए डिजाइन और अप्रोच के अनुसार बनाया है। वैज्ञानिकों द्वारा इस जैकेट को बनाने के लिए नई प्रक्रियाओं के साथ ही नई तरह की सामाग्रियों का भी उपयोग किया गया है। 

क्या हैं इस जैकेट की खूबियां?

डीआरडीओ द्वारा विकसित इस बुलेट प्रूफ जैकेट के फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) ने ICW (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों में ही 7.62 x 54 R API (स्नाइपर राउंड) के 06 शॉट्स को बेकार किया है। जैकेट के फ्रंट को HAP को एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया है और ये पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। इसके कारण ऑपरेशन के दौरान इस जैकेट को पहनने की क्षमता और आराम दोनों ही बढ़ता है। जैकेट के ICW हार्ड आर्मर पैनल (HAP) और स्टैंडअलोन HAP के एरियल घनत्व को 40 kg/m2 and 43 kg/m2 से कम रखा गया है। 

बालासोर में सफल मिसाइल परीक्षण

दूसरी ओर भारत ने मंगलवार को ओडिशा के बालासोर में सामरिक बल कमान के तहत मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के एक नए संस्करण का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस परीक्षण ने नयी प्रौद्योगिकियों के साथ मिसाइल के अभियान की क्षमता को साबित किया है। पीटीआई के मुताबिक, यह मिसाइल 'अग्नि' श्रेणी की हथियार प्रणालियों से संबंधित नहीं है। 

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