Highlights
- सुबह 5.57 पर आया भूकंप
- रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5 मापी गई
Earthquake : अंडमान-निकोबार द्वीप समूह आज सुबह भूकंप के झटकों से हिल उठा। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5 मापी गई है। भूकंप का केंद्र पोर्ट ब्लेयर से 215 किमी की दूरी पर था। जानकारी के मुताबिक सुबह 5 बजकर 57 मिनट पर अचानक भूकंप के तेज झटकों से धरती हिलने लगी। सुबह के वक्त ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे। भूकंप के झटको से लोगों की नींद खुल गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके
इससे पहले कल जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई थी। भूकंप से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। सोमवार दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर डोडा जिले में भूकंप के कम तीव्रता के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई पर था।
क्यों आता है भूकंप
दरअसल, धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।
कैसे करें बचाव?
यदि अचानक भूकंप आ जाए घर से बाहर खुले में निकलें। घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। इसके अलावे भूकंप रोधी मकान भी उतने ही जरूरी होते हैं। यह हालांकि बहुत महंगा नहीं होता, पर इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अक्सर लोग इसकी अनदेखी कर बैठते हैं।