Wednesday, April 24, 2024
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Har Ghar Tiranga Abhiyan: गृह मंत्री अमित शाह ने Pingali Venkayya के परिवार को किया सम्मानित, जाने गांधी से कैसे हुई थी मुलाकात

देश की राजधानी दिल्ली से मंगलवार को हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का हिस्सा भारत के गृहमंत्री अमित शाह रहे। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय तिरंगे के जनक वैंकेया पिंगली के परिवार को मंच पर सम्मानित किया गया है।

Ravi Prashant Written By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: August 03, 2022 16:23 IST
Pingali Venkayya' Family- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Home Minister Amit Shah honored the family of Pingali Venkayya

Highlights

  • आजाद भारत के तिरंगे का जन्मदाता पिंगली वैंकयानंद थे
  • 1916 में गांधी ने राष्ट्रीय तिरंगा बनाना के लिए कहा था
  • वह पेशे से कृषि वैज्ञानिक थे

Har Ghar Tiranga Abhiyan: देश की राजधानी दिल्ली से मंगलवार को हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का हिस्सा भारत के गृहमंत्री अमित शाह रहे। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय तिरंगे के जनक वैंकेया पिंगली के परिवार को मंच पर सम्मानित किया गया है। अमित शाह ने सम्मानित करते हुए कहा कि भारत के महान स्वतंत्रा सेनानी और क्रांतिकारी वेंकैया ने आजादी के आंदोलन में अपने प्राणों क आहूति देने वाले अनगिनत सेनानी गुमनामी के अंधेरे में गुम हो गए, आज न उनका नाम है न कोई पहचान। आगे उन्होंने कहा कि ऐसे ही आजादी के गुमनाम और अनसंग नायकों को जन जन तक पहुंचाने और 1857 की क्रांति से लेकर 1947 की आजादी तक की उनकी भूमिका को नई पीढ़ी तक लेकर जान का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर संस्कृति मंत्रालय हर घर तिंरगा पर एक अभियान आयोजित कर रहा है। अमित शाह ने देशवासियों से अपील किया कि सभी लोग इस अभियान का हिस्सा बनें।

किनके कहने झंडे का डिजाइन तैयार किया था

वैंकेया महात्मा गांधी के बड़े समर्थकों में से एक थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मद्रास से पूरी करने के बाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से स्नातक की ड्रग्री हासिल की। ऐसा कहा जाता है कि वैंकेया गांधी से दक्षिण अफ्रीका में मिले थे। उसी समय उन्होंने एंग्लों-बोअर युद्ध में भाग लिया था। यहीं से गांधी और वैंकेया की दोस्ती शुरु हुई। वैंकेया को झंडो में काफी रुची होती थी और वो हमेशा अलग-अलग देशों के तिरंगे पर अध्यन हमेशा करते थे इसे ही देखकर गांधी काफी प्रभावित हुए जिसके बाद वैंकेया को 1916 में गांधी ने राष्ट्रीय तिरंगा बनाना के लिए कहा था। वैंकेया ने 1916 से लेकर 1921 तक अलग-अलग देशों के तिरंगे के बार में रिर्सच किया और तिरंगे का डिजाइन कर लिया गया। जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को इस राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार्य कर लिया गया।

कौन थे वैंकेया?

आजाद भारत के तिरंगे का जन्मदाता पिंगली वैंकयानंद थे। पिंगली वैंकयानंद का जन्म 2 अगस्त 1876 को हुआ था। वह पेशे से कृषि वैज्ञानिक थे। वैंकेया ने कुछ समय तक रेवले में काम किया था। उन्हें अंग्रजी, हिंदी, तेलुगु, सस्कृंत और जापानी भाषा के बार में अच्छी जानकारी थी

सबसे पहला कहां पर तिंरगा फहराया गया था

आजादी से पहले अंग्रेजों की गुलामी के बीच भी हमने झंडा फहराया था। इतिहासकारों के मुताबिक, देश में सबसे पहले 07 अगस्त 1909 को कोलकाता के पारसी बगान में इसे फहरया गया था। क्रांतिक्रारियों ने अग्रेंजो को नीचा दिखाने के लिए ऐसा किया था और इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया था। उस वक्त झंडे का रंग लाल, पीला और हरा था। हरे रंग की पट्टी पर फूल था, पीले रंग पर वंदे मातरम् लिखा था और लाल रंग पर चांद-सूरज बनाया गया था।

 

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