Friday, April 19, 2024
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Islamic State: बड़ी साजिश का खुलासा, भारत को दहलाने की फिराक में ISIS, आखिर क्या है दुश्मनी? कैसे टेंशन दे रहा ये आतंकी संगठन

Islamic State: आतंकवादी ने आईएसआईएस के ‘अमीर’ (प्रमुख) के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी, जिसके बाद उसे रूस जाने और जरूरी दस्तावेज हासिल करने को कहा गया, ताकि वह भारत जा सके और इस आतंकवादी कृत्य को अंजाम दे सके। रूस की खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की है।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: August 23, 2022 18:51 IST
Islamic State Plotting to Attack India- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Islamic State Plotting to Attack India

Highlights

  • रूस में पकड़ा गया ISIS का आतंकी
  • भारत में आत्मघाती हमले की कर रहा था तैयारी
  • हमला करने रूस से सीधा भारत आने वाला था

Islamic State: इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस कौन है? कितना खतरनाक है और किस काम के लिए मशहूर है? इन सवालों के जवाब आपको जरूर पता होंगे। इसने सीरिया समेत मध्य पूर्व के कई देशों को नरक बना दिया है। लेकिन भारत में इसने क्या कुछ किया है, इसकी शायद आपको हल्की फुल्की जानकारी हो गई होगी। हालांकि जो खबर एक दिन पहले रूस से आई है, उसने भारत को एक बड़ी चिंता में डाल दिया है। खबर ये है कि रूस ने आत्मघाती हमला करने की साजिश रचने के मामले में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के एक आतंकवादी को पकड़ा है। जो पैगंबर मोहम्मद के अपमान का बदला लेने के लिए भारत को दहलाने की फिराक में था। 

इस आतंकी का मकसद खुद को बम से उड़ाकर सत्ताधारी दल के एक प्रतिनिधि को निशाना बनाना था। रूस की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने सोमवार को बताया था कि यह शख्स एक मध्य एशियाई देश का रहने वाला है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने खबर दी है कि रूस की खुफिया एजेंसी ‘संघीय सुरक्षा सेवा’ (एफएसबी) के मुताबिक, प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट के एक सरगना ने इस साल अप्रैल से जून के बीच तुर्की में प्रवास के दौरान एक विदेशी नागरिक को आत्मघाती हमलावर के तौर पर संगठन में भर्ती किया था।

दिमाग में कट्टर विचारधारा भरी गई थी

एफएसबी ने कहा, 'संघीय सुरक्षा सेवा ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ के सदस्य की रूस में पहचान की और उसे पकड़ लिया। हिरासत में लिया गया शख्स मध्य एशिया के एक देश का नागरिक है और उसने भारत के सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व में शामिल एक सदस्य पर आत्मघाती हमला करने की योजना बनाई थी।' एफएसबी के ‘सेंटर फॉर पब्लिक रिलेशन्स’ (सीपीआर) ने बताया कि सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ और इस्तांबुल में आईएसआईएस के एक प्रतिनिधि के साथ व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान उसके दिमाग में संगठन की विचारधारा को भरा गया था।

खबर के मुताबिक, एफएसबी ने उल्लेख किया कि आतंकवादी ने आईएसआईएस के ‘अमीर’ (प्रमुख) के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी, जिसके बाद उसे रूस जाने और जरूरी दस्तावेज हासिल करने को कहा गया, ताकि वह भारत जा सके और इस आतंकवादी कृत्य को अंजाम दे सके। रूस की खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की है। उसने स्वीकार किया है कि वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के खिलाफ आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था।

रूस से भारत आने वाला था आतंकी

सीपीआर की ओर से उससे पूछताछ का वीडियो सोमवार को जारी किया गया, जिसमें आतंकवादी कह रहा है कि उसने अप्रैल 2022 में आईएसआईएस के ‘अमीर’ के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और एक विशेष प्रशिक्षण लिया था जिसके बाद वह रूस आया और यहां से भारत जाता। उसने कहा, 'पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए आईएसआईएस के इशारे पर आतंकवादी हमला करने के लिए मुझे वहां चीजें दी जानी थीं।' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी के दिल्ली ईकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के तत्कालीन प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर को लेकर विवादित टिप्पणियां की थी, जिसके बाद मुस्लिम देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और पार्टी ने नुपुर को निलंबित और कुमार को निष्कासित कर दिया था।

युवाओं को कट्टर बनाता है इस्लामिक स्टेट

खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और इससे संबंधित सभी संगठनों को भारत में प्रतिबंधित किया गया है। वे इराक और सीरिया में कई हमले करने के लिए जिम्मेदार हैं। गृह मंत्रालय ने आतंकवादी समूह पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि भारत के युवाओं की संगठन में भर्ती और उन्हें कट्टर बनाया जाना देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है, खासकर जब ऐसे युवा भारत लौटते हैं, तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव पड़ सकते हैं।

भारत के लिए क्यों है चिंता की बात?

8 अगस्त- खबर आई थी कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बाटला हाउस से एक व्यक्ति को इस्लामिक स्टेट (आईएस) का कथित सक्रिय सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान बिहार के पटना निवासी मोहसिन अहमद के रूप में हुई। 25 जून को एजेंसी द्वारा दर्ज 'आईएसआईएस की ऑनलाइन और जमीनी गतिविधियों' से संबंधित एक मामले में अहमद को उसके घर और अन्य जगहों पर तलाशी लेने के बाद गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने एक बयान में कहा, 'आरोपी मोहसिन अहमद आईएसआईएस का कट्टर और सक्रिय सदस्य है। उसे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी सहानुभूति रखने वालों से आईएसआईएस के लिए पैसा एकत्रित करने का काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आईएसआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए वह इन पैसों को सीरिया और अन्य जगहों पर क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भेज रहा था।'

21 जुलाई- खबर आई कि तमिलनाडु के सेलम से एक 24 साल से युवक को गिरफ्तार किया गया है। उससे इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और क्यू ब्रांच ने 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। उसे आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के साथ कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया। युवक का नाम आशिक है। शहर की पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 (भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना, युद्ध छेड़ने का प्रयास करना, या युद्ध के लिए उकसाना), 122 (भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करना), 125 (भारत सरकार के साथ गठबंधन वाले किसी भी एशियाई देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना), धारा 18 (साजिश रचना), 18 (ए) (आतंकवादी शिविर आयोजित करने की सजा, 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने की सजा), 38 (एक आतंकवादी संगठन की सदस्यता से संबंधित अपराध) और 39 (एक आतंकवादी संगठन को दिए गए समर्थन से संबंधित अपराध) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

9 अगस्त- खबर आई कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने एक कथित आईएसआईएस सदस्य को गिरफ्तार किया है, जो स्वतंत्रता दिवस पर धमाके करने की योजना बना रहा था। पुलिस के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम पार्टी का सदस्य आरोपी सबाउद्दीन आजमी भारत में इस्लामिक स्टेट स्थापित करने और आईएसआईएस के संपर्क में मुजाहिदीन संगठन बनाकर शरिया कानून लागू करने की योजना पर काम कर रहा था। आजमी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 और 3/25 शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बयान में कहा गया है कि एटीएस ने आरोपियों के पास से बम बनाने की सामग्री, विस्फोटक और कई अवैध हथियार और कारतूस बरामद किए हैं। वह युवाओं को भी इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए कहता था। 

30 जुलाई- खबर आई कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने इस्लामिक स्टेट के समर्थकों और कैडर के खिलाफ व्यापक छापेमारी की है। इस दौरान महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और राजस्थान में 25 से अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। यह छापेमारी संबंधित राज्य पुलिस बलों को उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर की गई। सूत्रों ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को लेकर पता चला था कि वह "आईएसआईएस की ओर झुकाव रखते हैं और हिंसक हमले करने की तैयारी कर" रहे थे। 

22 अगस्त- खबर आई कि लीबिया में इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ते हुए कथित तौर पर मारा गया केरल का एक इंजीनियर आईएस की प्रोपेगेंडा मैगजीन में दिखाई दिया है। आईएस ने इसका नाम अबु बकर अल हिंद बताया। इसमें कहा गया कि उसकी मौत हो गई है। उसका जन्म केरल के एक ईसाई परिवार में हुआ था। 

17 फरवरी- एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि आईएसआईएस में शामिल हुए कम से कम 40 भारतीय अब भी मध्य पूर्व की जेलों में बंद हैं।

ये लिस्ट बहुत लंबी है, यहीं खत्म नहीं होती। लेकिन हमने इस साल सामने आई इस्लामिक स्टेट की भारत से जुड़ी घटनाओं के बारे में बताने की पूरी कोशिश की है।

इस्लामिक स्टेट से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

इस्लामिक स्टेट आखिर क्या है?

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को आईएसआईएल भी कहा जाता है, यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांट। इसे अरब की भाषा में दाएश कहकर पुकारा जाता है। इसके अधिकतर सुन्नी लड़ाके इराक और सीरिया के रहने वाले हैं। लेकिन इससे यूरोप और मुस्लिम देशों के हजारों की संख्या में लोग भी जुड़े हैं। इसमें भारत और बांग्लादेश के नागरिक तक शामिल हैं। ये लोगों का सिर कलम करता है, उन्हें दास बनाता है और संगीत और धूम्रपान जैसी "गैर-इस्लामिक" गतिविधियों पर प्रतिबंध की बात करता है। यह इतना क्रूर है कि अल-कायदा भी इसकी गतिविधियों को स्वीकार नहीं करता। 

इस्लामिक स्टेट किसलिए लड़ रहा है?

इस आतंकी संगठन का उद्देश्य खिलाफत की स्थापना करना है, यानी शरिया या इस्लामिक कानून को लागू करना। 

इस्लामिक स्टेट की स्थापना और नेतृत्व किसने किया?

आईएसआईएस की स्थापना इराक के अबु बकर अल-बगदादी ने की थी। उसने सबसे पहले इराक में अल-कायदा का नेतृत्व किया। फिर उसने इसे एक प्रभावी और संगठित युद्धक फोर्स में बदल दिया। इस संगठन ने अप्रैल 2013 में अपना नाम बदला था। इसने संकेत दिया कि यह इराक और सीरिया में खिलाफत की स्थापना करेगा। रूस का ऐसा मानना है कि मई 2017 में उसके हवाई हमलों में अल-बगदादी मारा गया है। हालांकि इसकी कभी पुष्टि नहीं हो पाई। समूह के बाहरी संचालन के निदेशक अबू मुहम्मद अल-अदनानी एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। इसमें उसे एक ऐसा व्यक्ति बताया गया है, जो पश्चिम को नुकसान पहुंचाना चाहता है। 

आतंकवाद रोधी अधिकारियों ने कहा है कि अल-अदनानी ने नवंबर 2015 में घातक पेरिस आतंकवादी हमलों को "हरी झंडी" दिखाई थी यानी इनकी मंजूरी दी थी, जिसमें 130 लोग मारे गए थे।

आईएसआईएस में महिलाएं क्या करती हैं?

आईएसआईएस जमीन पर लड़ाई के लिए महिलाओं की भर्ती नहीं करता है। लेकिन फिर भी इसमें दुनियाभर से हजारों महिलाओं की भर्ती हुई है। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जाता है। कट्टर सोच रखने वाली महिलाओं से वादा किया जाता है कि उन्हें बड़े से बड़े जिहादी पति मिलेंगे। 

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