Friday, April 26, 2024
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गुजराती मछुआरों की सिम से भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों जानकारी जुटा रहा था पाक, NIA ने किया खुलासा

भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कुछ गिरफ्तार गुजराती मछुआरों के सिम कार्ड का उपयोग करने में पाकिस्तान की भूमिका सामने आई है। 

Swayam Prakash Edited by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: April 23, 2022 16:18 IST
NIA reveals big, Pakistan uses SIM cards of nabbed Gujarati fishermen for secret information- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO NIA reveals big, Pakistan uses SIM cards of nabbed Gujarati fishermen for secret information

Highlights

  • गुजराती मछुआरों के सिम कार्ड उपयोग कर रहा था पाक
  • जासूसी मामले में NIA ने चार्जशीट में किया खुलासा
  • 2020 में पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने किया था गिरफ्तार

नई दिल्ली। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कुछ गिरफ्तार गुजराती मछुआरों के सिम कार्ड का उपयोग करने में पाकिस्तान की भूमिका सामने आई है। आंध्र प्रदेश जासूसी मामले में हैदराबाद की एक विशेष अदालत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दी गई चार्जशीट में ये कहा गया है कि गुजरात के कुछ भारतीय मछुआरे जब वे उच्च समुद्र में मछली पकड़ रहे थे तब 2020 में पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

इस चार्जशीट में दो व्यक्तियों का नाम लिया गया है- गुजरात के रहने वाले 27 वर्षीय अल्ताफहुसेन गंचीभाई उर्फ शकील और एक पाकिस्तानी नागरिक वसीम- चार्जशीट में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से साजिश और जासूसी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता का उल्लेख है। गंजीभाई और वसीम पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 ए (अपराध करने की साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के 66 सी के तहत आरोप लगाए गए हैं।

ये पूरा मामला मूल रूप से पिछले साल 10 जनवरी को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा जिले के काउंटर इंटेलिजेंस सेल पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।  आरोपी फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके नागरिकों को अपने एजेंटों के रूप में शामिल करते थे फिर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते थे। इस संबंध में एनआईए ने पिछले साल 23 दिसंबर को "पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश" से संबंधित फिर से केस दर्ज किया था। 

चार्जशीट में कहा गया है, "जांच से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देश पर गंजीभाई ने भारतीय रक्षा बलों और प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील जानकारी के संग्रह और प्रसारण के लिए पाकिस्तान में अपने हैंडलरों को भारतीय सिम नंबरों पर आए ओटीपी को पास करके व्हाट्सएप को गुप्त रूप से सक्रिय कर दिया था।" चार्जशीट के मुताबिक ये सिम कार्ड गुजरात के भारतीय मछुआरों के नाम से लिए गए थे।

NIA की चार्जशीट में कहा गया है, "जांच में पता चला है कि ये सिम कार्ड अवैध रूप से गिरफ्तार आरोपी अल्ताफुसेन गंजीभाई को भारत वापस भेज दिए गए थे, जिन्होंने पाकिस्तान में अपने आकाओं के निर्देश पर ऐसे सात सिम कार्ड सक्रिय किए थे।" इस मामले में पिछले साल 25 अक्टूबर को गंजीभाई को गिरफ्तार किया गया था।

हालांकि, चार्जशीट में कहा गया है कि वसीम ने महत्वपूर्ण भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय एजेंटों को ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से गुप्त रूप से पैसा भेजा था और वह फिलहाल फरार है।

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