Thursday, April 25, 2024
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Stamp Paper Scam: कहीं आपके जमीन की रजिस्ट्री भी तो नकली स्टांप पेपरों पर नहीं हुई, CCB ने फर्जीवाड़े का किया खुलासा, 11 गिरफ्तार

Stamp Paper Scam: स्टांप पेपरों का फर्जीवाड़ा आज से नहीं दशकों से चल रहा है। अपराधी हजारों के नकली स्टांप पेपर बनाते हैं और दलालों के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचा देते हैं।

Sushmit Sinha Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: August 06, 2022 11:57 IST
Stamp Paper Scam- India TV Hindi
Image Source : IANS Stamp Paper Scam

Highlights

  • कहीं आपके जमीन की रजिस्ट्री भी तो नकली स्टांप पेपरों पर नहीं हुई
  • CCB ने फर्जीवाड़े का किया खुलासा, 11 गिरफ्तार
  • 2,000 से अधिक नकली स्टांप पेपर बरामद

Stamp Paper Scam: स्टांप पेपरों का फर्जीवाड़ा आज से नहीं दशकों से चल रहा है। अपराधी हजारों के नकली स्टांप पेपर बनाते हैं और दलालों के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचा देते हैं। वही नकली स्टांप पेपर हम और आप जब जमीन खरीदने जाते हैं तो खरीद लेते हैं और उसी नकली स्टांप पेपर पर अपनी रजिस्ट्री करा लेते हैं। कर्नाटक पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नकली स्टांप पेपर्स बनाता था।

दरअसल, कर्नाटक पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा (CCB) की विशेष जांच शाखा ने फर्जी स्टांप पेपर बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर शुक्रवार को बेंगलुरु में 11 लोगों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह बेंगलुरु शहर के बीचों-बीच स्थित कन्दया भवन में राजस्व विभाग के कार्यालय की नाक के नीचे काम कर रहा था। आरोपी नकली सरकारी स्टांप पेपर छापकर बेच रहे थे। कर्नाटक सरकार ने 1990 के दशक में करोड़ों रुपये के तेलगी फर्जी स्टांप पेपर मामले के बाद स्टांप पेपर की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।

इतने लाख रुपये के नकली स्टांप पेपर जब्त किए

सीसीबी ने विभिन्न मूल्यवर्ग के 5.11 लाख रुपये के नकली स्टांप पेपर जब्त किए, जिन्हें दलालों और बिचौलियों को बेचा जा रहा था, जो आगे रियल एस्टेट कारोबारियों के साथ लेन-देन करते थे। फर्जी स्टांप पेपर की मदद से आरोपी ने पुराने दस्तावेज तैयार कर लिए। उन्होंने प्रत्येक नकली स्टांप पेपर को 5,000 रुपये से 8,000 रुपये में बेचा। पुलिस ने कहा कि जब्त किए गए 2,000 से अधिक नकली स्टांप पेपर से आरोपी को 1.33 करोड़ रुपये मिले होंगे।

ओल्ड डेट्स के स्टांप बनाते थे

पुलिस ने कहा कि सीसीबी अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कन्दया भवन में कुछ टाइपिंग स्टॉल सरकार द्वारा प्रतिबंधित स्टांप पेपर बना रहे हैं और उन्होंने फर्जी दस्तावेज की सुविधा के लिए अपनी पसंद की पिछली तारीखों को डाल कर उन्हें उन लोगों को बेच दिया। सीसीबी के विशेष जांच अधिकारियों ने छापेमारी की और रैकेट में शामिल 11 लोगों को हिरासत में लिया। इनके पास से विभिन्न संप्रदायों के 2,664 नकली स्टांप पेपर जब्त किए गए। सीसीबी ने राजस्व विभाग सहित विभिन्न सरकारी कार्यालयों के एक कंप्यूटर, प्रिंटर, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क और रबर स्टैंप सहित विभिन्न अन्य सरकारी विभागों की 119 नकली मुहरे भी जब्त की हैं। टीम ने 1990 के नकली जीपीए दस्तावेज और 1995, 2002 और 2009 के अन्य जीपीए दस्तावेज भी जब्त किए।

पुराने फ्रैंकिंग पेपर भी तैयार किए थे,

आरोपियों ने पुराने फ्रैंकिंग पेपर भी तैयार किए थे, ताकि वे पहले के तारीखों के वैध दस्तावेज का हिस्सा बन जाएं जो पहले मौजूद थे, लेकिन तेलगी घोटाला सामने आने के बाद कई सालों तक प्रतिबंधित कर दिया गया था। सीसीबी ने संपत्ति के 4 फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं और वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि ये स्टांप पेपर किसने बेचे और फर्जी स्टांप पेपर का इस्तेमाल कर कौन से फर्जी दस्तावेज बनाए गए। 11 आरोपियों से पूरी जानकारी लेने के लिए पूछताछ की जा रही है।

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