Thursday, April 25, 2024
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पीएम मोदी के बाद अब राहुल गांधी ने किया यह काम

बता दें कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का तीर्थस्थल हिंदू और मुस्लिमों दोनों के लिए समान रूप से पवित्र माना जाता है। हर साल यहां देश भर से श्रद्धालु उर्स के दौरान आते हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 16, 2021 18:21 IST
After PM Modi, Rahul Gandhi gives chadar to be offered at Ajmer Sharif Dargah shrine- India TV Hindi
Image Source : PTI बता दें कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का तीर्थस्थल हिंदू और मुस्लिमों दोनों के लिए पवित्र माना जाता है।

नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 809वें उर्स पर दरगाह में चादरपोशी के लिए मंगलवार को चादर सौंपी। कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया, "पीरों-फ़क़ीरों की दरगाह सदियों से इंसानियत, अमन, मुहब्बत, भाईचारे के पैग़ाम का मरकज़ रही है। आज कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी की तरफ़ से श्री @RahulGandhi जी ने ख़्वाजा हज़रत मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स के लिए अक़ीदत की चादर पेश की।"

पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के आवास पर राहुल ने यह चादर कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष नदीम जावेद के सुपुर्द की। इस मौके पर पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल, प्रवक्ता पवन खेड़ा, वरिष्ठ नेता हारून यूसुफ और कई अन्य नेता मौजूद थे। सोनिया और राहुल की ओर से अजमेर शरीफ के लिए चादर भेंट किए जाने पर हारून यूसुफ ने कहा, ‘‘गांधी परिवार पारंपरिक रूप से चादर भेंट करता रहा है। गांधी परिवार और पार्टी की तरफ से इसके जरिए सामाजिक सद्भाव का एक संदेश दिया जाता है।’’

बता दें कि इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दरगाह में चादरपोशी के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को चादर सौंपी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अजमेर शरीफ दरगाह में 809वें उर्स पर चादरपोशी के लिए एक चादर सौंपी।’’ इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने उस फोटो भी साझा भी किया जिसमें वह नकवी को चादर सौंप रहे हैं। अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है। पीएम मोदी की तरफ से सांतवी बार चादरपोशी होगी। 

बता दें कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का तीर्थस्थल हिंदू और मुस्लिमों दोनों के लिए समान रूप से पवित्र माना जाता है। हर साल यहां देश भर से श्रद्धालु उर्स के दौरान आते हैं। दरगाह के खादिम मोहल्ला से बुलंद दरवाजा तक जुलूस के बाद गोरी परिवार द्वारा पारंपरिक रूप से पिछले हफ्ते उर्स का झंडा फहराया गया था।

यह लगातार चौथा वर्ष है जब पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल उर्स में शामिल नहीं होगा। आईबी के सूत्रों ने कहा कि वीजा के लिए पाकिस्तान से कोई मांग नहीं थी। इस वर्ष 9 फरवरी को उर्स शुरू हुआ और 28 फरवरी को समाप्त होगा। सबसे शुभ माने जाने वाले उर्स के छठे दिन को "छठी शरीफ" कहा जाता है।

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