Saturday, December 13, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. महाभियोग पर विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस: कांग्रेस ने कहा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में

महाभियोग पर विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस: कांग्रेस ने कहा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में

कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के लिए नोटिस देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने बताया कि इस नोटिस को कांग्रेस समेत 7 पार्टियों का समर्थन हासिल है और इसपर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Apr 20, 2018 08:55 am IST, Updated : Apr 20, 2018 01:46 pm IST
Opposition parties meet today for final call on CJI impeachment- India TV Hindi
जज लोया पर फैसले के बाद कांग्रेस ने बुलाई विपक्ष की बैठक, चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग पर चर्चा संभव  

नई दिल्ली: कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के लिए नोटिस देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम . वेंकैया नायडू से मुलाकात कर चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग का नोटिस सौंपा।  कांग्रेस ने बताया कि इस नोटिस को 7 विपक्षी पार्टियों का समर्थन हासिल है और इसपर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'महाभियोग नोटिस पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किया था, लेकिन 7 रिटायर्ड हो चुके हैं, अब संख्या 64 रह गई है। राज्यसभा में न्यूनतम संख्या 50 होनी चाहिए।' 

पीटीआई सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और मुस्लिम लीग ने हस्ताक्षर किए। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने चीफ जस्टिस को हटाने के 5 कारण बताए हैं। सिब्बल ने कहा कि हम चाहते थे कि यह दिन कभी न आए। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।

​कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने उपराष्ट्रपति के सामने CJI के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पांच मुद्दों को लेकर यह प्रस्ताव रखा गया। सिब्बल ने कहा कि लोकतंत्र में स्वतंत्र न्यायपालिका जरूरी है और चीफ जस्टिस के प्रशासनिक फैसलों पर सवाल उठे हैं। सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भी कुछ नहीं बदला। उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई और विकल्प मौजूद नहीं था।

इससे पहले सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर फैसला आने के बाद के सभी विपक्षी दलों कीअहम बैठक हुई। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद के कमरे में ये बैठक बुलाई गई थी। बताया जा रहा था कि इस बैठक में कांग्रेस सहित 14 दलों के शामिल होने की संभावना थी, लेकिन कुछ पार्टियों ने बैठक से कन्नी काट ली। बैठक में जज लोया की मौत को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट की ओर से खारिज किये जाने के बाद के हालत पर इस बैठक में चर्चा हुई।

इससे पहले कांग्रेस ने कहा था कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों के पास ‘‘सभी विकल्प खुले’’ हैं। महाभियोग प्रस्ताव लाने के विपक्ष के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने, ‘‘हमारा मानना है कि हमारे पास अभी भी विकल्प खुले हैं। विपक्षी दलों के पास सारे विकल्प खुले हैं।“  मुद्दे पर विपक्ष दुविधा में क्यों है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि यह बहुत गंभीर विषय है और इस पर विचार-विमर्श की जरूरत है।

पूर्व विधि मंत्री सिब्बल ने कहा कि अगर विपक्ष ऐसा कदम उठाता है तो यह ‘ बहुत दुखद  दिन होगा। उन्होंने कहा, ‘‘और अगर विपक्ष ऐसा करता है तो यह बहुत ही भारी मन से किया जाएगा। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि विपक्ष ने मामले को बंद कर दिया है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष दूसरों की तरह न्यायपालिका की आजादी के लिए चिंतित है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार के किसी भी प्रकार के दखल से संस्था की हिफाजत करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अदालत में जो हो रहा है, हम उस पर बहुत चिंतित हैं।“

बता दें कि कल सीबीआई जज बीएच लोया की मौत मामले में एसआईटी जांच वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच वाली याचिका में कोई दम नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं के लिए कोर्ट के पास समय नहीं है। इससे कोर्ट का वक्त बर्बाद होता है।

Latest India News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement