Sunday, April 28, 2024
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जज लोया पर आया फैसला भारत के इतिहास का सबसे दुखद दिन : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि यह भारत के इतिहास का 'सबसे दुखद दिन' है। पार्टी ने मामले की निष्पक्ष जांच की अपनी मांग दोहराई। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "आज भारत के इतिहास का सबसे दुखद दिन है। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 19, 2018 21:20 IST
Decision on Judge Loya: India's Worst Day: Congress- India TV Hindi
Image Source : PTI Decision on Judge Loya: India's Worst Day: Congress

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश एच.बी. लोया की रहस्यमय हालात में मौत की जांच एसआईटी से कराने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिए जाने पर कांग्रेस ने कहा कि यह भारत के इतिहास का 'सबसे दुखद दिन' है। पार्टी ने मामले की निष्पक्ष जांच की अपनी मांग दोहराई। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "आज भारत के इतिहास का सबसे दुखद दिन है। कांग्रेस जज लोया की मौत की जांच निष्पक्ष तरीके से करवाने के लोगों की मांग को लेकर प्रतिबद्ध है। अगर इस तरह फैसले लिए गए तो वाकई सुप्रीम कोर्ट से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।" 

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने गुरुवार को कहा कि जस्टिस लोया की मौत की जांच एसआईटी से कराने की मांग वाली याचिका में कोई दम नहीं है और उनकी मौत प्राकृतिक तरीके से हुई थी। जस्टिस लोया हाईप्रोफाइल माने जाने वाले कथित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले के आरोपी अमित शाह को जज लोया ने कई बार समन भेजा था, लेकिन वह एक भी तारीख पर अदालत में पेश नहीं हुए थे। बाद में नागपुर में एक रेस्ट हाउस में जज लोया की संदिग्ध हालात में मौत की खबर आई। 

सुरजेवाला ने कहा, "यह कैसा फैसला है.. बिना जांच के न्यायपालिका भी यह निर्णय नहीं ले सकती कि मौत प्राकृतिक तरीके से हुई थी या नहीं।" उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मामले की जांच करवाने से डर रही है। सुरजेवाला ने कहा, "जस्टिस लोया की नवंबर 2014 में नागपुर के एक गेस्ट हाउस में 'संदेहास्पद मौत' से काफी लोगों को दुख पहुंचा था। वह उस मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें अमित शाह (अब भाजपा अध्यक्ष) एक आरोपी थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय मिलने की आस लगाए लोगों को कई सवालों के जवाब नहीं मिले।

सुरजेवाला ने कहा, "लोया की मौत के बाद फर्जी मुठभेड़ मामले में अमित शाह को बरी कर दिया गया और सीबीआई ने इसके खिलाफ अपील दाखिल करने से इनकार कर दिया। यह संदेह पैदा करता है। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग किस निचले स्तर तक गिरकर कर रही है, इसका ज्वलंत उदाहरण सामने आया है।"

नवंबर, 2017 में जज लोया की बहन ने शक जाहिर करते हुए कहा था कि उनके भाई की मौत सामान्य नहीं थी। उन्हें दिल की बीमारी नहीं थी, इसलिए यह कहना कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई, सरासर झूठ है। उन्होंने अपने भाई की हत्या की आशंका जताई थी और कहा था कि उनके भाई की मौत की खबर और उनका सामान लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एक कार्यकर्ता उनके घर आया था, तभी उन्हें संदेह हो गया था। उनके परिवार को पहले भी फोन पर धमकाया जा रहा था। जज लोया की बहन का बयान आने के बाद इस मामले की जांच की मांग उठी।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने चीफ जस्टिस के खिलाफ जो बगावत की थी, उसमें एक मुद्दा जज लोया की मौत से जुड़ा मामला भी था। इन न्यायाधीशों का कहना था कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने यह मामला वरिष्ठों की अनदेखी कर कनिष्ठ न्यायाधीशों की पीठ को क्यों दे दिया, जबकि यह देश के सबसे बड़े राजनीतिक रसूख वाले व्यक्ति से जुड़ा है। इन चारों न्यायाधीशों का कहना था कि इस पक्षपात से अमित शाह तो बच जाएंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से देश का भरोसा उठ जाएगा। ये चारों न्यायाधीश जब मीडिया के सामने आए थे, तब भाजपा बिफर उठी थी। हाल ही में कांग्रेस नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा है कि देश के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद में महाभियोग लाने का विकल्प अभी खुला है। 

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