Friday, March 29, 2024
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...जब 'विदेशी' मूल की सोनिया के विरोध में कांग्रेस से अलग हुए थे शरद पवार

शरद पवार ने 1999 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश मूल के होने के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ दी थी और उसी साल राकांपा का गठन किया था।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 24, 2019 16:50 IST
sharad pawar and sonia gandhi- India TV Hindi
sharad pawar and sonia gandhi

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके अध्यक्ष शरद पवार ने 20 साल पहले कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद उससे हाथ मिलाने का फैसला इसलिए किया था क्योंकि उनके लिए निजी मुद्दों से ज्यादा विचारधारा अहमियत रखती है।

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह बयान बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद दिया है जिसमें मोदी ने कहा था कि शरद पवार ने कांग्रेस द्वारा "अपमान" किए जाने के बावजूद उसके साथ गठबंधन था। मलिक ने कहा कि भाजपा उस मामले को लेकर अब क्यों परेशान है।

पवार ने 1999 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश मूल के होने के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ दी थी और उसी साल राकांपा का गठन किया था। मलिक ने कहा, "1999 में एक साथ हुए लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने पवार को उप प्रधानमंत्री बनने और राज्य में सरकार बनाने की पेशकश की थी।" नवाब मलिक ने कहा, "लेकिन पवार साहब ने महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार बनाई। उनके लिए निजी अहं नहीं बल्कि विचारधारा बड़ा मुद्दा था। जब विचारधारा की बात आती है तो निजी मुद्दे अहमियत नहीं रखते। उस बात को 20 साल बीत चुके हैं तो अब भाजपा को परेशानी क्यों हो रही है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में शरद पवार के गढ़ बारामती समेत कुछ लोकसभा क्षेत्रों के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने शरद पवार के वरिष्ठ नेता होने के बावजूद उनका अपमान किया था।

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