Friday, March 29, 2024
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राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी का प्रहार, पूछ लिए राजीव गांधी फाउंडेशन से जुड़े सवाल

स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस का कल्चर है जो जवानों से पूछते हैं कि आपने दुश्मन को कैसे हराया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 28, 2020 21:04 IST
Irani- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) Amethi MP स्मृति ईरानी

नई दिल्ली. अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस का कल्चर है जो जवानों से पूछते हैं कि आपने दुश्मन को कैसे हराया। उन्होंने कहा कि हाल ही में जो राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर तथ्य सामने आए हैं, मैंने जीवन में नहीं सोचा था कि कोई अपना पेट काटकर किसी को मदद करता है वो पैसा गांधी खानदान खा लेता है। 

बता दें कि राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर भाजपा द्वारा कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए गए हैं। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसको लेकर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 सवाल पूछे और कहा कि पार्टी ‘‘दोहरे चरित्र वाले नेताओं’’ का चेहरा उजागर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं सोनिया गांधी से कहना चाहता हूं कि चीन और कोरोना वायरस संकट की आड़ में उन्हें उन सवालों से नहीं बचना चाहिए जिनका जवाब देश जानना चाहता है।’’

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत हित में विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करना राष्ट्रीय हित का बलिदान है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या व्यक्तिगत ट्रस्टों के लिए विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करके राष्ट्रीय हित के साथ खिलवाड़ करना शर्म की बात नहीं है?’’ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा ‘‘सशस्त्र बल भारत की रक्षा करने, देश को सुरक्षित रखने में पूरी तरह सक्षम हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए हर संभव जतन किए। नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2006 के बीच प्रत्येक साल अनुदान राशि मिली। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ‘‘टैक्स हैवेन’’ कहे जाने वाले देश लक्जेमबर्ग से 2006 से 2009 के बीच अनुदान राशि मिली। नड्डा के अनुसार, हवाला कारोबार के लिए लक्जेमबर्ग की एक विशेष पहचान है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गैर सरकारी संगठनों और कंपनियों ने व्यावसायिक हितों के साथ राजीव गांधी फाउंडेशन को अनुदान राशि देने का काम किया। कांग्रेस ने शुक्रवार को इन आरोपों को भाजपा की ‘‘चालाकी’’ और उसका ‘‘द्वेषपूर्ण खेल’’ करार दिया तथा कहा था कि चीन ने सीमा पर भारतीय जमीन पर कथित तौर पर जो कब्जा किया है, यह उससे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।

कांग्रेस पर हमले जारी रखते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय हैं। देश के विकास में एक तरफ जहां हमारी पार्टी अपना योगदान देगी वहीं दूसरी तरफ दोहरे-चरित्र वाले नेताओं का चेहरा उजागर करने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’’ नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को चीन के साथ अपने कथित संबंधों और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ किए गए समझौता ज्ञापन पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2004 में 1.1 अरब डॉलर का था जो बढ़कर 2013-14 में 36.2 अरब डॉलर हो गया।

उन्होंने सवाल किया कि क्या इसके एवज में कांग्रेस को लाभ मिला था। साल 2004 से 2014 के बीच केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी। कांग्रेस पर भारत की आर्थिक स्थिति को ‘‘कमजोर’’ करने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने सवाल किए, ‘‘आखिर संप्रग सरकार ने ऐसा कैसे होने दिया? क्या राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा चीनी धन को स्वीकार करने के एवज में ऐसा होने दिया गया?’’

नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी निशाना साधा और आरोप मढ़ा कि जब भारत अपने ‘‘सबसे बड़े आर्थिक संकट’’ से गुजर रहा था, तब 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। उन्होंने कहा, ‘‘तब से इसे नियमित रूप से भारत सरकार के मंत्रालयों से अनुदान मिलता रहा है। फिर भी राजीव गांधी फाउंडेशन को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा ऑडिट करने से छूट दी गई। साथ ही फाउंडेशन को सूचना का अधिकार के दायरे में नहीं लाया गया। मनमोहन सिंह इस ‘‘व्यापक और संगठित लूट-खसोट’’ बारे में क्या कहेंगे।’

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