Saturday, April 27, 2024
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Lok Sabha Election 2024: सपा का गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट का क्या रहा है इतिहास? यहां जानें

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है। यहां सपा साल 1996 के बाद से लगातार जीत रही है। कभी मुलायम सिंह यादव तो कभी डिंपल यादव लेकिन यह सीट हमेशा ही सपा प्रमुख के परिवार के अधीन ही रही है।

Avinash Rai Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published on: February 22, 2024 16:37 IST
Lok Sabha Election 2024 What has been the history of Mainpuri Lok Sabha seat the stronghold of samaj- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सपा का गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट का क्या रहा है इतिहास?

यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट बेहद अहम है, जिसे मैनपुरी कहा जाता है। मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में जाना जाता है। सपा परिवार के लिए यह सीट बेहद खास है। क्योंकि साल 1996 के बाद से मैनपुरी में लगातार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही जीतते आ रहे हैं। इस सीट से तीन बार मुलायम सिंह यादव ने चुनाव जीता और दो बार उनके सीट छोड़ने पर हुए उप चुनाव में एक बार उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव और फिर उनके पौत्र तेज प्रताप यादव ने चुनाव जीता और सांसद बनें। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर से मैनपुरी से सांसद चुने गए। हालांकि इसके बाद मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया, जिसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव यहां से सांसद चुनी गुईं। लेकिन इस सीट पर अपनी दावेदारी को सुनिश्चित करने के लिए पिछले कुछ सालों में भाजपा ने कड़ी मेहनत की है। 

साल 2014 के चुनाव के नतीजे क्या थे? 

मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भाजपा के उम्मीदवार शत्रुघ्न चौहान को 364666 वोटों से हराया था। बता दें कि इस समय देशभर में मोदी लहर थी, लेकिन मैनपुरी की सीट पर इसका खासा प्रभाव देखने को नहीं मिला। हालांकि इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। यहां जब उपचुनाव हुए तो तेजप्रताप यादव ने भी इस सीट से तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। 

2014 में वोटर्स की संख्या कितनी थी?

2014 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो यहां लगभग 17.3 लाख वोटर हैं। इसमें सबसे ज्यादा वोटर यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं। आंकड़ों के मुताबिक कुल वोटरों में से 35 फीसटी वोटर यादव हैं। वहीं दूसरे स्थान पर राजपूत, चौहान, राठौर, भदौरिया हैं जो कुल वोटरों का 29 फीसदी हैं। इसके बाद शाक्य, ब्राह्मण, एससी और मुस्लिम वोटर हैं। 

साल 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?

लोकसभा चुनाव 2019 की अगर बात करें तो यहां भाजपा ने दोबारा प्रेम सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं मुलायम सिंह यादव एक बार फिर सपा की विरासत वाली सीट मैनपुरी से चुनावी मैदान में उतरे। इस दौरान मुलायम सिंह यादव को 524926 वोट मिले थे, जबकि प्रेम सिंह शाक्य को 230537 वोट मिले थे। एक बार फिर इस सीटे से मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की और भाजपा मैनपुरी में दूसरी नंबर पर बनी रही। हालांकि 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुए। इस चुनाव में बहू डिंपल यादव ने 2.88 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। इस दौरान भाजपा के रघुराज शाक्य को 329659 वोट मिले, जबकि डिंपल यादव को 618120 वोट मिले। 

साल 2009 में क्या थे चुनाव के नतीजे?

लोकसभा चुनाव 2009 में समाजवादी पार्टी की तरफ से मुलायम सिंह यादव चुनावी मैदान में थे। इस सीट पर उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी और भाजपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। 

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