Saturday, April 27, 2024
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Lok Sabha Election 2024: रायपुर में इस बार रुकेगा BJP का विजय रथ या फिर से खिलेगा कमल? यहां जाने सियासी समीकरण

छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट पर इस समय भारतीय जनता पार्टी के नेता सुनील सोनी सांसद हैं। वहीं इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। इस सीट पर किस तरह से सियासी समीकरण बन रहे हैं, ये जानने के लिए पढ़ें रिपोर्ट

Amar Deep Written By: Amar Deep
Published on: February 27, 2024 20:16 IST
छत्तीसगढ़ की रायपुर सीट।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV छत्तीसगढ़ की रायपुर सीट।

रायपुर: पूरे छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन राज्य की राजधानी होने की वजह से रायपुर लोकसभा सीट सबसे वीआईपी सीट मानी जाती है। रायपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें धरसीवा, रायपुर सिटी वेस्ट, रायपुर सिटी नॉर्थ, रायपुर सिटी साउथ, रायपुर सिटी ग्रामीण, आरंग और अभनपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं। इन सभी सातों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने परचम लहराया हुआ है। रायपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 25 लाख के करीब आबादी रहती है, जिनमें साहू और कुर्मी समाज का वर्चस्व है। रायपुर में 30 फीसदी आबादी साहू समाज की तो 20 फीसदी आबादी कुर्मी समाज की है।

2014 का चुनाव और उसके समीकरण

यहां साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो हम देखेंगे कि पूरे छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव संपन्न कराए गए थे। इनमें से रायपुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के तहत 24 अप्रैल 2014 को मतदान हुआ। इस चुनाव में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच लड़ाई देखी जा रही थी। बीजेपी ने जहां रमेश बैस को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया तो वहीं कांग्रेस की तरफ से सत्य नारायण शर्मा (सत्तू भैया) ने यहां पर चुनाव लड़ा। 16 मई 2014 को पूरे देश में एक साथ सभी लोकसभा सीटों का परिणाम घोषित किया गया। इसमें रायपुर लोकसभा सीट पर भाजपा नेता रमेश बैस चुनाव जीत गए। चुनाव में बैस ने करीब 633836 मत हासिल किए। वहीं 471803 वोट हासिल कर कांग्रेस प्रत्याशी सत्‍य नारायण शर्मा (सत्‍तू भैय्या) दूसरे स्थान पर रहे।

2019 का चुनाव और उसके समीकरण

वहीं 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस बार भी तीन चरणों में ही चुनाव संपन्न कराए गए। पिछली बार की तरह रायपुर लोकसभा सीट में तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल 2019 को मतदान हुआ। वहीं भारतीय जनता पार्टी का यहां पर वर्चस्व इस बार के चुनाव में भी देखने को मिला। इस बार भी भारतीय जनता पार्टी के सामने कांग्रेस के उम्मीदवार ने अपनी प्रवल दावेदारी पेश की। हालांकि भाजपा ने 2019 में रमेश बैस को टिकट ना देखकर सुनील सोनी को रायपुर सीट से उम्मीदवार बनाया, वहीं कांग्रेस ने भी सत्यनारायण शर्मा की जगह प्रमोद दुबे को अपनी तरफ से उम्मीदवार बनाया। 23 मई 2019 को घोषित हुए चुनाव परिणाम में भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी को 837902 वोट प्राप्त हुए, वहीं दूसर स्थान पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद दुबे को 489664 वोट प्राप्त हुए। 

क्या कहती है रायपुर सीट की सियासत

रायपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर कई दशकों से भारतीय जनता पार्टी का वर्चस्व रहा है। इसमें भी यहां पर रमेश बैस खुद 7 बार सांसद रह चुके हैं। रमेश बैस 1989 में रायपुर सीट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1991 में हुए चुनाव में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ला को रायपुर सीट से सांसद बनने का मौका मिला। दोबारा जब 1996 में लोकसभा चुनाव हुए तो रमेश बैस ने जीत हासिल की। इस चुनाव के बाद से रमेश बैस ने कभी पीछ मुड़कर नहीं देखा। रमेश बैस ने 1996 के बाद 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार रायपुर सीट पर जीत हासिल की। हालांकि 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर सीट पर सुनील सोनी को उम्मीदवार बना दिया और उन्होंने भी यहां पर भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाई।

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