Thursday, May 09, 2024
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Uttar Pradesh: योगी सरकार ने टोमैटो फ्लू पर जारी की एडवाइजरी, 12 बच्चों में मिले बीमारी के लक्षण

Uttar Pradesh: एडवाइजरी में कहा गया है कि टोमैटो फ्लू में अन्य वायरल संक्रमण (बुखार, थकान, शरीर में दर्द और चकत्ते) के समान लक्षण होते हैं, लेकिन यह सार्स-सीओवी2, मंकीपॉक्स, डेंगू या चिकनगुनिया से संबंधित नहीं है।

Shailendra Tiwari Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: August 26, 2022 10:20 IST
UP government issued advisory on tomato flu- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV UP government issued advisory on tomato flu

Highlights

  • 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता ये रोग
  • प्राथमिक लक्षण अन्य वायरल संक्रमण जैसे बुखार, चकत्ते और जोड़ों में दर्द जैसे होते हैं
  • टोमैटो फ्लू का पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में मिला था

Uttar Pradesh: यूपी में कोरोना संक्रमण का कहर अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था कि एक नए तरीके के संक्रमण या यूं कहें कि नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। इसे बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू है। लखनऊ में कुछ बच्चों में इसके लक्षण पाए गए हैं। इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने टोमैटो फ्लू, एक हाथ-पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) पर एक एडवाइजरी जारी की है, जिसे टोमैटो के आकार के फफोले के लक्षण से पहचाना जाता है। 

10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता ये रोग

राज्य के 75 जिलों में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) के साथ साझा की गई एडवाइजरी में कहा गया है, "रोकथाम के लिए सबसे अच्छी बात आसपास की स्वच्छता को बनाए रखना है। माता-पिता को अपने बच्चों को बुखार या दाने के लक्षण वाले अन्य बच्चों को गले लगाने या छूने के लिए नहीं कहना चाहिए।" यह रोग मुख्य रूप से 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है, लेकिन वयस्क भी संक्रमित हो सकते हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि टोमैटो फ्लू में अन्य वायरल संक्रमण (बुखार, थकान, शरीर में दर्द और चकत्ते) के समान लक्षण होते हैं, लेकिन यह सार्स-सीओवी2, मंकीपॉक्स, डेंगू या चिकनगुनिया से संबंधित नहीं है।

इसकी अभी कोई स्पेशल दवा नहीं है

एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ. अभिषेक शुक्ला ने कहा, "बच्चों में, प्राथमिक लक्षण अन्य वायरल संक्रमण जैसे बुखार, चकत्ते और जोड़ों में दर्द जैसे होते हैं। टोमैटो फ्लू एक आत्म-सीमित बीमारी है और इसका इलाज करने के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। इसलिए, सबसे अच्छा विकल्प उचित स्वच्छता के उपाय अपनाना है।" एडवाइजरी में संदिग्ध मामलों से नमूने लेने के तरीकों और इसे लैब में कैसे ले जाया जाए, इसका भी जिक्र किया गया है।

लखनऊ के सीएमओ मनोज अग्रवाल ने कहा, "हमने प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए केजीएमयू, एसजीपीजीआई, जिला स्तर के अस्पतालों और निजी अस्पतालों सहित सभी चिकित्सा संस्थानों को सलाह दी है।" भारत का पहला टोमैटो फ्लू का मामला केरल के कोल्लम जिले में 6 मई को सामने आया था। 

लखनऊ में करीब 12 बच्चों में दिखे लक्षण

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी टोमैटो फ्लू पैर पसार रहा है, यही वजह है कि इससे जुड़े लक्षण वाले कई मामले कुछ दिनों में ही सामने आ गए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि इससे पहले केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और उड़ीसा में भी टोमैटो फ्लू लक्षण वाले केस मिल चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक टोमैटो फ्लू की चपेट में राजधानी लखनऊ के कई मासूम बच्चे आ गए हैं, जिनका इलाज लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में चल रहा है। इनकी संख्या 12 से ज्यादा बताई जा रही है जो हाल ही में इस टोमैटो फ्लू का शिकार हो गए हैं। एसजीपीजीआई के पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर पीड़ित बच्चों का इलाज कर रहे हैं।

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