Thursday, April 25, 2024
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मुलायम की मौत के बाद क्या फिर से साथ आएंगे चाचा-भतीजा, शिवपाल यादव ने कहा ये...

शिवपाल यादव ने सैफई में कहा, "यह कोई निर्णय लेने का समय नहीं है। फिलहाल हम यह तय करने की स्थिति में नहीं हैं कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं।" बदली हुई परिस्थितियों में अपनी भूमिका के बारे में लगातार पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ''देखते हैं (मुझे) क्या जिम्मेदारी दी जाती है।''

Sushmit Sinha Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: October 12, 2022 19:24 IST
Shivpal Yadav and Akhilesh Yadav- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Shivpal Yadav and Akhilesh Yadav

Highlights

  • मुलायम की मौत के बाद क्या फिर से साथ आएंगे चाचा-भतीजा
  • शिवपाल यादव के हालिया बयान से मिल रहे हैं संकेत
  • 'मैंने वो किया जो उन्होंने मुझसे कहा'

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद परिवार में मेलमिलाप की उम्मीदों के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से अलग हुए चाचा शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि यह समय उनके भविष्य के कदम के बारे में कोई फैसला लेने का नहीं है। मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव 2017 में चाचा शिवपाल यादव के साथ झगड़े के बाद पार्टी अध्यक्ष बने थे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष का यह बयान इस सवाल के जवाब में आया कि क्या परिवार एक बार फिर एकजुट होगा।

शिवपाल यादव ने सैफई में कहा, "यह कोई निर्णय लेने का समय नहीं है। फिलहाल हम यह तय करने की स्थिति में नहीं हैं कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं।" बदली हुई परिस्थितियों में अपनी भूमिका के बारे में लगातार पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ''देखते हैं (मुझे) क्या जिम्मेदारी दी जाती है।'' शिवपाल ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर सीट से सपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। लेकिन इसके तुरंत बाद उन्हें कथित तौर पर पार्टी विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने के बाद अखिलेश के साथ उनके रिश्ते फिर से खराब हो गए थे।

'बिन सूरज के उगा सवेरा'

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में मंगलवार को उनके पैतृक गांव में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे, जिन्होंने एक ऐसे नेता को विदाई दी, जिन्होंने देश की राजनीति को काफी प्रभावित किया। तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री रहे सपा संरक्षक का सोमवार को गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अखिलेश और परिवार के अन्य सदस्यों को ढांढस बंधाने इटावा जिले के सैफई पहुंचे। जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह 'लल्लन' के साथ कुमार ने अखिलेश और सपा के राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव के साथ दुख साझा किया।

अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देने के बाद पहली टिप्पणी में अखिलेश ने एक ट्वीट के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और यहां परिवार के पुरुष सदस्य दाह संस्कार के बाद सिर मुंडवाने की रस्म में शामिल हुए। अखिलेश ने समाजवादी नेता के अंत्येष्टि स्थल की दो तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, “आज पहली बार लगा … बिन सूरज के उगा सवेरा।'' अखिलेश के अलावा, शिवपाल यादव, जिन्होंने अपने भतीजे के साथ मनमुटाव के बाद अपनी पार्टी बनाई थी, उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने सिर मुंडवाने की रस्म में हिस्सा लिया। अपने भाई को याद करते हुए शिवपाल सिंह ने कहा, "नेताजी के सभी दलों के नेताओं के साथ बहुत अच्छे संबंध थे और यह कल अंतिम संस्कार में भारी भीड़ से स्पष्ट था।"

'मैंने वो किया जो उन्होंने मुझसे कहा'

शिवपाल सिंह ने कहा, "वह जहां भी रहे, लोकसभा हो या विधानसभा, उन्हें किसानों और समाज के वंचित वर्ग की चिंता थी।" उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा 'नेताजी' की सेवा की और उन्होंने मुझसे जो कुछ करने को कहा वह किया और उनकी सहमति के बिना कभी कुछ नहीं किया। शिवपाल ने कहा, "मैंने पार्टी भी बनाई थी क्योंकि उन्होंने मुझसे ऐसा करने को कहा था।" मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए संभावित उपचुनाव, जिसका मुलायम सिंह प्रतिनिधित्व कर रहे थे, चाचा-भतीजा द्वारा अपनाए जाने वाले मार्ग के बारे में बताएगा। मुलायम सिंह का मंगलवार को उनके पैतृक गांव सैफई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जहां उनकी पहली पत्नी मालती देवी का अंतिम संस्कार किया गया था।

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