अमरनाथ यात्रा की तैयारियां तेज हो गई है। इस बीच श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बीआरओ ने बालटाल और चंदनवारी ट्रैक को अपग्रेड किया है। बीआरओ ने प्रोजेक्ट बीकन के तहत अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले इस मार्ग को दुरुस्त करने का काम किया है। बता दें कि 45 किलोमीटर से ज्यादा मार्ग को 12 फीट तक चौड़ा किया है। इसके अलावा 47 किलोमीटर तक बर्फ को हटाया है। इसके साथ ही सुरक्षित, सुगम तीर्थयात्रा के लिए 32 किलोमीटर से ज्यादा के मार्ग पर रेलिंग, पुल, शेल्टर और सुरक्षा दीवारें बनाई हैं। बीआरओ ने बुनियादी ढांचे के विकास के साथ आजीविका सृजन को सहजतापूर्वक मिलाकर 1,700 से अधिक स्थानीय लोगों को सशक्त बनाया।
अर्धसैनिक बलों की 180 कंपनियां तैनात
बता दें कि इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए जम्मू क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की 180 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को दो मार्गों- अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग से शुरू होगी। जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी बताया, "प्रशासन इस वर्ष सफल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने यात्रा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है।"
नेशनल हाईवे पर होगी निगरानी
उन्होंने आगे बताया, "इस बार पहले से भी ज्यादा बेहतर व्यवस्था की जा रही है। इसमें अर्धसैनिक बलों की तैनाती हो या संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी हो।" उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा, यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की 180 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं। लखनपुर से बनिहाल तक जम्मू कश्मीर नेशनल हाईवे पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।" उन्होंने कहा, "हर जगह सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। रास्ते की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और जहां-जहां श्रद्धालु ठहरते हैं या लंगर होते हैं, वहां भी सुरक्षा दी गई है।"
कब से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा के संबंध में श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर प्रथम पूजा के बाद यात्रा से संबंधित प्रक्रिया तेजी से शुरू हो जाएगी। यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होगी और 38 दिनों तक यह यात्रा चलेगी। 9 अगस्त को अमरनाथ यात्रा का समापन हो जाएगा। पिछले साल लगभग 5 लाख लोगों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। सूत्रों की मानें तो इस वर्ष भी लगभग इतने ही श्रद्धालु अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन करने पहुंच सकते हैं।
बाबा अमरनाथ से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
अमरनाथ में स्थित बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा को लेकर मान्यता है कि यहां शिवजी ने माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था। इसलिए इस पवित्र स्थान का नाम अमरनाथ पड़ा। यहां दो कबूतरों ने भी अमर कथा सुनी थी और कहा जाता है कि वो भी अमर हो गए थे। पुराणों में वर्णित है कि अमरनाथ में बाबा बर्फानी के दर्शन करने से काशी में शिवजी के दर्शन से दस गुना और प्रयाग में भोलेबाबा के दर्शन से सौ गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है। वहीं हिंदू मान्यताओं के अनुसार बाबा बर्फानी के दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।