Friday, March 29, 2024
Advertisement

Gudi Padwa 2019: गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, कथा महत्व और जानें तोरण और पताका लगाने का नियम

Gudi Padwa 2019: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के पहले दिन नए साल के रूप में गुड़ी पड़वा मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को फूलों से सजाते हैं। जानें गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, कथा और तोरण और पताका लगाना क्यों है शुभ।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 05, 2019 18:30 IST
gudi padwa- India TV Hindi
gudi padwa

Gudi Padwa 2019: गुड़ी पड़वा मुख्य रुप से महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला त्योहार है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर नए हंदू वर्ष की शुरुआत होती है। जिसके प्रारंभ की खुशी को लेकर मनाया जाता है। इस बार गुड़ी पड़वा 6 अप्रैल 2019, शनिवार को पड़ रही है। इस दिन से नवरात्र प्रांरम्भ होने के साथ-साथ हिंदू धर्म के नववर्ष की शुरुआत भी होगी।

हिंदू धर्म में इस पर्व को लेकर खास मान्यताएं हैं। गुड़ी ध्वज यानि झंडे को कहा जाता है और पड़वा, प्रतिपदा तिथि को। मान्यता है के इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था।

गुड़ी पड़वा पर्व तिथि व मुहूर्त 2019

प्रतिपदा तिथि आरंभ – 14:20 (5 अप्रैल 2019)
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 15:23 (6 मार्च 2019)

आज ऐसे जरुर लगाएं पताका और तोरण

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गूड़ी पाड़वा के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन घर में पताका और तोरण लगाने की परंपरा है। दरअसल यहां गूड़ी का अर्थ ही है - विजय पताका। आज के दिन घर में पताका लगाना व्यक्ति की, उसके परिवार की जीत को प्रदर्शित करता है। यह साक्षात विजय का प्रतीक है। आज के दिन अपने घर के साउथ ईस्ट कोने, यानि आग्नेय कोण में पांच हाथ ऊंचे डंडे में, सवा दो हाथ की लाल रंग की पताका लगानी चाहिए। बहुत-से लोग ध्वजा भी लगाते हैं। दरअसल पताका तीन कोनों वाली होती हैं और ध्वजा चार कोनों वाली होती हैं। आप इनमें से जो चाहें, वो लगा सकते हैं।

ध्वजा या पताका लगाते समय सोम, दिगंबर कुमार और रूरू भैरव का ध्यान कर, उनसे अपनी ध्वजा या पताका की रक्षा के लिये प्रार्थना करनी चाहिए। साथ ही उनसे अपने घर की सुख-समृद्धि के लिये भी प्रार्थना करनी चाहिए।  ऐसा करने से जहां एक तरफ व्यक्ति की जीत सुनिश्चित होती है, उसकी सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है, तो वहीं दूसरी तरफ केतु के शुभ परिणाम भी प्राप्त होते हैं। साथ ही इससे घर का वास्तु भी पूरे साल भर तक दुरुस्त रहता है। अतः आपको भी आज के दिन अपने घर के साउथ इस्ट कोने में ध्वजा या पताका अवश्य ही लगानी चाहिए।

गुड़ी पड़वा मनाने को लेकर कथाएं
दक्षिण भारत में गुड़ी पड़वा की लोकप्रियता का कारण इस पर्व से जुड़ी कथाओं से समझा जा सकता है। दक्षिण भारत का क्षेत्र रामायण काल में बालि का शासन क्षेत्र हुआ करता था। जब भगवान श्री राम माता को पता चला की लंकापति रावण माता सीता का हरण करके ले गये हैं तो उन्हें वापस लाने के लिये उन्हें रावण की सेना से युद्ध करने के लिये एक सेना की आवश्यकता थी। दक्षिण भारत में आने के बाद उनकी मुलाकात सुग्रीव से हुई। सुग्रीव ने बालि के कुशासन से उन्हें अवगत करवाते हुए अपनी असमर्थता जाहिर की। तब भगवान श्री राम ने बालि का वध कर दक्षिण भारत के लोगों को उनसे मुक्त करवाया। मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ही वो दिन था। इसी कारण इस दिन गुड़ी यानि विजय पताका फहराई जाती है।

एक और प्राचीन कथा शालिवाहन के साथ भी जुड़ी है कि उन्होंने मिट्टी की सेना बनाकर उनमें प्राण फूंक दिये और दुश्मनों को पराजित किया। इसी दिन शालिवाहन शक का आरंभ भी माना जाता है।

स्वास्थ्य के नज़रिये से भी इस पर्व का महत्व है। इसी कारण गुड़ी पड़वा के दिन बनाये जाने वाले व्यंजन खास तौर पर स्वास्थ्य वर्धक होते हैं। चाहे वह आंध्र प्रदेश में बांटा जाने वाला प्रसाद पच्चड़ी हो, या फिर महाराष्ट्र में बनाई जाने वाली मीठी रोटी पूरन पोली हो। पच्चड़ी के बारे में कहा जाता है कि खाली पेट इसके सेवन से चर्म रोग दूर होने के साथ साथ मनुष्य का स्वास्थ्य बेहतर होता है। वहीं मीठी रोटी भी गुड़, नीम के फूल, इमली, आम आदि से बनाई जाती है।

Chaitra Navratri 2019: चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, मंत्र सहित पूजा विधि

Navratra 2019: इन चीजों के बिना नवरात्र में देवी मां की पूजा अधूरी, देखें पूरी सामग्री लिस्ट

एक क्लिक में देखें अप्रैल माह के चैत्र नवरात्र, पूर्णिमा, गुड़ी पड़वा, एकादशी सहित हर तीज-त्योहार की पूरी जानकारी

 

मासिक राशिफल: जानें अप्रैल माह आपकी किस्मत के सितारों के लिए अच्छा है या बुरा

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement