Friday, April 19, 2024
Advertisement

Coronavirus: भोपाल AIIMS में MW दवा के आए अच्छे नतीजे, दो मरीज हुए ठीक

दुनिया में पहली बार भोपाल के AIIMS में 30 अप्रैल को माइकोबैक्टेरियम डब्लू (MW) नाम की दवा का कोरोना संक्रमण से गंभीर बीमार और ICU में भर्ती दो मरीजों पर किया गया ट्रायल सफल रहा है। इसके सात दिनों के बाद आई रिपोर्ट में दोनों मरीज कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए हैं।

Anurag Amitabh Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Updated on: May 10, 2020 22:11 IST
Coronavirus: भोपाल AIIMS में MW दवा के आए अच्छे नतीजे, दो मरीज हुए ठीक- India TV Hindi
Image Source : AP Coronavirus: भोपाल AIIMS में MW दवा के आए अच्छे नतीजे, दो मरीज हुए ठीक

भोपाल: दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लगातार वैक्सीन की तलाश की जा रही है, दवाओं के ट्रायल किए जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी को सफलता मिलती नहीं दिखाई दे रही है। लेकिन, दुनिया में पहली बार भोपाल के AIIMS में 30 अप्रैल को माइकोबैक्टेरियम डब्लू (MW) नाम की दवा का कोरोना संक्रमण से गंभीर बीमार और ICU में भर्ती दो मरीजों पर किया गया ट्रायल सफल रहा है। इसके सात दिनों के बाद आई रिपोर्ट में दोनों मरीज कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए हैं। उनका ऑक्सीजन सपोर्ट भी हटा दिया गया है।

AIIMS के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह ने कहा, "जो हम लोग MW का ट्रायल कर रहे हैं, वह काफी हद तक उत्साहित करने वाला है। 40 में से हमनें जो 3 मरीज रिक्रूट किए हैं, उनमें से दो का ट्रायल कंप्लीट हो गया है और मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, सांस लेने में तकलीफ थी, वह अब 7 दिन के बाद ICU से बाहर आ गए हैं और अब उनको ऑक्सीजन सप्लीमेंटेशन की कोई जरूरत नहीं है। तीसरे का कोर्स पूरा नहीं हुआ है।"

माइकोबैक्टेरियम डब्लू नाम की ड्रग के ट्रायल को AIIMS के डायरेक्टर डॉ सरवन सिंह के नेतृत्व में किया था। इस ड्रग ट्रायल में 2 मरीजों को चुना गया था, जिन पर यह दवा गुरुवार को टेस्ट की गई थी। तीन दिनों तक इन्हें इस दवा की डोज दी गई थी। इन्हीं के नतीजे अब सामने आए हैं, जिससे AIIMS उत्साहित है। हालांकि, AIIMS के डायरेक्टर मानते हैं कि अभी दिल्ली और चंडीगढ़ में ट्रायल बाकी है, इसलिए निष्कर्ष नहीं निकला जा सकता।

डॉ सरमन सिंह ने कहा, "यहां पर अभी रिजल्ट जरूर उत्साहवर्धक हैं लेकिन अभी हम निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं। अभी हमें अपने सेंटर से 40 को रिक्रूट करना है। उनका (चंडीगढ़ और दिल्ली का) प्रोग्राम शुरू नहीं हुआ है।" दरअसल, माइकोबैक्टेरियम डब्लू नाम की यह दवा शरीर में बाहरी संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। 1978 से इस दवा का इस्तेमाल कुष्ठ रोग और कैंसर की कई बीमारियों के लिए किया जा रहा है।

माना जाता है कि कोरोना के दौरान मरीज को नुकसान पहुंचाने वाले प्रोटीन पैदा हो जाते हैं। इस दवा से प्रोटीन को बढ़ने से रोका जा सकता है। इस दवाई को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ अमेरिका के पूर्व एवं ड्रग रिसर्च एडमिनिस्ट्रेशन की भी मंजूरी मिली हुई है। इस दवा को तीन चरणों में ट्रायल किया जाना था। 

पहले चरण में आईसीयू में भर्ती गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों पर ट्रायल किया जाना था, जिसके उत्साहित करने वाले नतीजे सामने आए हैं। दूसरा ड्रग ट्रायल कम गंभीर मरीज पर किया जाएगा ताकि पता चल सके कि वह कितनी जल्दी स्वस्थ हो जाते है। क्योंकि, माना जाता है दस दिनों में कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव आ जाता है। ऐसे में तीन दिन के डोज़ के बाद जल्द ही पता चल सकता है कि कितना असर हो रहा है। तीसरा ड्रग ट्रायल हेल्थ केयर वर्कर पर किया जाएगा।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement