Tuesday, April 23, 2024
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दशहरा रैली पर 'महाभारत' शुरू होने वाला है! ठाकरे और शिंदे सेना का होगा शक्ति परीक्षण

Dussehra Rally: असली कसौटी अब शिंदे सेना और ठाकरे सेना के बीच मुंबई में होने वाला शक्ति प्रदर्शन है। सबकी निगाह इसी पर लगी हुई है। सरकार के पास मशीनरी की ताक़त भी होती है, शिवसेना को इसका अंदाज़ा है इसलिए वो इल्जाम लगा रही है कि पैसों के दम पर शिंदे सेना भीड़ जुटा रही है।

Khushbu Rawal Written By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: October 01, 2022 6:43 IST
Eknath Shinde and Uddhav Thackeray- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Eknath Shinde and Uddhav Thackeray

Highlights

  • ठाकरे और शिंदे गुट ने की दशहरा रैली की भव्य तैयारी
  • बीकेसी ग्राउंड पर भीड़ जमा कर पाना शिंदे सेना के लिए बड़ी चुनौती
  • 'रैली में ढ़ाई लाख तक लोग आएंगे', शिंदे गुट का दावा

Dussehra Rally: इस बार मुंबई में दशहरा पर महाभारत होने वाली है। एक ही शिवसेना से निकली दो-दो सेनाओं का शक्ति परीक्षण होने वाला है ठाकरे सेना बनाम शिंदे सेना। दोनों ने अपनी अपनी दशहरा रैली को कामयाब बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। बीजेपी का आरोप है कि उद्धव ठाकरे अपनी रैली में भीड़ जुटाने के लिए NCP और कांग्रेस से मदद की गुहार लगा रहे हैं जबकि शिंदे सेना का दावा है कि वो ठाकरे सेना से दोगुनी भीड़ जुटाएगी।

सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पहली बार दशहरा रैली करने जा रहे हैं। रैली की भव्य तैयारी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पार्टी ने रैली के प्रमोशनल प्रोमो तक रिलीज कर दिए हैं। दरअसल, इस बार दोनों सेनाओं की दो अलग अलग दशहरा रैलियां हो रही हैं। ठाकरे सेना परम्परागत रैली शिवाजी पार्क के मैदान में करेगी जहां बाला साहब ने 40 साल पहले रैली शुरू की थी। वहीं, शिंदे सेना BKC मैदान के MMRDA ग्राउंड में दशहरा रैली करेगी।

बारिश से बेहाल शिवाजी पार्क का मैदान

दशहरा रैली में बस चंद रोज़ बाकी हैं और ऐसे में शिवाजी पार्क का मैदान बारिश से बेहाल। ये बताने के लिए काफी है कि ठाकरे सेना की तैयारी कितनी ढ़ीली-ढ़ाली है। हालांकि मातोश्री के आसपास का इलाका पोस्टरों से पटा पड़ा है। इन पोस्टरों में ये अहसास भी है कि असली शिवसेना ठाकरे परिवार के पास है मातोश्री के पास है। पोस्टरों पर उद्धव ठाकरे, रश्मि ठाकरे और आदित्य ठाकरे हैं।

बीकेसी ग्राउंड पर भीड़ जमा कर पाना शिंदे सेना के लिए बड़ी चुनौती
बांद्रा के बीकेसी ग्राउंड पर भीड़ जमा कर पाना शिंदे सेना के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस ग्राउंड की क्षमता शिवाजी पार्क से दोगुनी है इसीलिए कोई राजनीतिक दल इस ग्राउंड में कोई राजनैतिक कार्यक्रम करने की हिम्मत नहीं जुटाता। अपवाद केवल पीएम मोदी की सभा को छोड़ दे तो इस ग्राउंड में कभी किसी सभा में उसकी क्षमता के हिसाब से लोगों की भीड़ नहीं इकट्ठा हुई। यही वजह है कि एकनाथ शिंदे भी दशहरा रैली शिवाजी पार्क के मैदान में ही करना चाहते थे। यूं भी उनका दावा तो है ही कि असली शिवसेना वही हैं।

'रैली में ढ़ाई लाख तक लोग आएंगे', शिंदे गुट का दावा
दरअसल ये दशहरा रैली का शक्ति प्रदर्शन है इसलिए शिंदे सेना इस रैली को लेकर ज्यादा गंभीर है। सरकार की पूरी मशीनरी इस काम में लग गई है। बुधवार को मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई। बैठक में तैयारियों का जायजा लिया गया। शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता दीपक केसरकर कहते हैं कि पूरे सूबे से कार्यकर्ता आ रहे हैं और उन्हें मैदान तक लाने के पूरे इंतज़ाम किए जा रहे हैं।

शिंदे गुट का दावा है कि उनकी रैली में ढ़ाई लाख तक लोग आएंगे, पूरा एमएमआरडीए ग्राउंड भर दिया जाएगा। जाहिर है अगर शिवसेना एक होती तो 2 साल बाद होने जा रही दशहरा रैली की कामयाबी के लिए पार्टी पूरा दमखम लगा देती। वरिष्ठ शिवसैनिक और शिंदे गुट के नेता रामदास कदम कहते हैं इस बार दशहरे पर दूध का दूध पानी का पानी होगा, सोचना उन लोगों को चाहिए जिनकी वजह से ये नौबत आई।

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