Monday, April 29, 2024
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Sharad Pawar: NCP नेता ने कहा, नॉन वेज खाने के चलते पवार ने बाहर से दगदूशेठ गणपति के दर्शन किए

NCP ने शनिवार को पवार द्वारा मंदिर के बाहर से ही दर्शन करने को लेकर सफाई दी।

Vineet Kumar Singh Written by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: May 28, 2022 17:57 IST
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Image Source : TWITTER.COM/EKNATHGKHADSE NCP chief Sharad Pawar outside Dagdusheth Ganpati temple.

Highlights

  • शरद पवार दगदूशेठ गणपति मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे।
  • विपक्ष अक्सर शरद पवार के नास्तिक होने की बात कहता रहता है।
  • पवार के मंदिर के बाहर से दर्शन को लेकर चर्चाएं चल रही थीं।

Sharad Pawar Ganpati Darshan: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार प्रसिद्ध दगदूशेठ गणपति मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए पुणे पहुंचे थे। हालांकि लोगों को हैरानी तब हुई जब उन्होंने मंदिर के बाहर से ही भगवान के दर्शन किए। पार्टी की पुणे यूनिट के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मांसाहारी भोजन करने की वजह से पवार ने सोचा कि मंदिर के अंदर जाना उचित नहीं होगा। यही वजह है कि उन्होंने मंदिर के बाहर से ही भगवान का दर्शन करना ठीक समझा।

जमीन का निरीक्षण करने पहुंचे थे पवार

बता दें कि पवार दगदूशेठ गणपति मंदिर से सटी जमीन को मंदिर ट्रस्ट को सौंपे जाने की लंबे समय से चली आ रही मांग के बीच शुक्रवार को पुणे में इस जमीन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। यह जमीन राज्य के गृह विभाग की है, जिसका प्रभार वर्तमान में ळणझ नेता दिलीप वालसे पाटिल के पास है। उनके मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करने और बाहर से दर्शन करने के बाद इसे लेकर सवाल उठने लगे थे।

‘पवार को लगा कि अंदर जाना उचित नहीं’
शाम को जगताप ने इस बारे में सफाई देते हुए कहा, ‘शरद पवार ने मंदिर जाने की योजना बनाई थी। हालांकि, उन्होंने बाहर से दर्शन करना पसंद किया, क्योंकि उन्होंने मांसाहारी भोजन किया था। पवार साहब ने मुझे बताया कि चूंकि उन्होंने दिन में मांसाहारी भोजन किया था, इसलिए उन्हें लगा कि मंदिर के अंदर जाना उचित नहीं है और इसके बजाय उन्होंने बाहर से दर्शन किए।’ 

‘ऐसे सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं?’
बाद में जब उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ऐसे सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं? अगर वह दर्शन करने जाते हैं तो सवाल पूछे जाते हैं और अगर नहीं करते हैं तो उन्हें नास्तिक बताया जाता है। कई बार लोग मांसाहारी भेजन करते हैं, लेकिन दूसरों को इसके बारे में नहीं बताते हैं और दर्शन करने मंदिर के अंदर चले जाते हैं। मंदिर के बाहर से भी दर्शन किए जा सकते हैं। कोविड के दौरान प्रतिबंधों के चलते लोग मंदिर की सीढ़ियों से ही दर्शन करते थे।’

विपक्ष को जवाब देना चाहते हैं पवार?
बता दें कि शरद पवार की धार्मिक आस्था को लेकर विपक्ष पिछले कुछ दिनों से लगातार उनपर हमला बोल रहा है। वहीं, पवार पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप भी लगाए जाते रहे हैं। यही वजह है कि पवार ने ब्राह्मण समुदाय के कई प्रतिनिधियों के साथ हाल ही में बैठक की थी, ताकि समुदाय की नाराजगी को दूर किया जा सके। इसी कड़ी में मंदिर में पवार के जाने को लेकर कहा जा रहा है कि वह इसके जरिए विपक्ष को जवाब देना चाहते हैं।

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