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शीर्ष कंपनियों को दिया गया कर्ज नियमों के दायरे में: SBI

SBI के एक ताजा अध्ययन में बड़े औद्योगिक घरानों को दिए गए बड़े कर्जों को लेकर चिंता ना व्यक्त करते हुए कहा गया कि कर्ज का व्यवहार नियमों के अनुरूप है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: May 09, 2016 19:45 IST
SBI ने किया अपना बचाव,  कहा शीर्ष कंपनियों को दिया गया कर्ज नियमों के दायरे में- India TV Paisa
SBI ने किया अपना बचाव, कहा शीर्ष कंपनियों को दिया गया कर्ज नियमों के दायरे में

नई दिल्ली। बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या पर बहस के बीच भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक ताजा अध्ययन में अडानी समूह समेत बड़े औद्योगिक घरानों को दिए गए बड़े कर्जों को लेकर चिंता को कोई खास भाव न देते हुए कहा गया है कि बड़े उद्योग घरानों के साथ किया गया कर्ज का व्यवहार नियमों के अनुरूप है।

SBI के आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 10 कंपनियों को दिया गया सकल कर्ज उनके नेटवर्थ (शेयर पूंजी और मुक्त आरक्षित कोष) के दो गुना से कम है, जो नियमों के अनुरूप है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस ने हाल ही में हाउस ऑफ डेट शीर्षक से एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें अधिक कर्ज ले रखे भारतीय कंपनियों पर चर्चा की गई थी। SBI की रिपोर्ट में क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि अंतत: जो चीज महत्वपूर्ण है, वह नेटवर्थ, हाथ में नकदी, निवेश, संपत्ति के बाजार मूल्य में सालाना वृद्धि तथा उसकी कुछ अनुषंगियों के मूल्य में इजाफा है। कुल मिलाकर यह भुगतान की क्षमता को बताता है। इसमें कहा गया है, हमारा अनुमान बताता है कि सकल आधार पर शीर्ष 10 कंपनियों का कर्ज का अनुपात उनके नेट वर्थ का 1.93 गुना है, जो दो गुना से कम है और नियमों के अनुरूप है।

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एसबीआई के मुताबिक करीब 200 कंपनियों के वित्त वर्ष 2015-16 में घोषित परिणाम के आधार पर 60 कंपनियों ने 2014-15 के मुकाबले कर्ज के स्तर में कमी की सूचना दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, स्पष्ट रूप से चीजें धारणा के विपरीत वास्तव में पहले से बेहतर है। सीमेंट, उर्वरक, ट्रेडिंग, वित्त तथा परिवहन ऐसे कुछ क्षेत्र हैं, जहां कर्ज कम हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि दिसंबर के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 100 करोड़ रुपए से अधिक फंसे कर्ज से जुड़े 701 खाते हैं, जिस पर 1.63 लाख करोड़ रुपए का बकाया है। इसमें स्टेट बैंक की हिस्सेदारी काफी अधिक है।

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