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तकनीकी टेक्सटाइल, मानव निर्मित फाइबर के लिये पीएलआई योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी संभव

मंत्रिमंडल इससे पहले देश में विनिर्माण क्षमता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे चुका है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : September 07, 2021 17:15 IST
टेक्निकल टेक्सटाइल के...- India TV Paisa
Photo:PTI

टेक्निकल टेक्सटाइल के लिये PLI स्कीम को मंजूरी संभव

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को 10,683 करोड़ रुपये व्यय के साथ तकनीकी परिधान आौर मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे सकता है। इस पहल का मकसद घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देना है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि प्रस्ताव बुधवार को विचार के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष आ सकता है। मंत्रिमंडल इससे पहले देश में विनिर्माण क्षमता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे चुका है।

अधिकारी के अनुसार मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद कपड़ा मंत्रालय संबंधित क्षेत्रों के लिये विस्तृत दिशनिर्देश जारी करेगा। योजना का मकसद भारत में संबंधित क्षेत्रों में समस्याओं को दूर कर और दक्षता सुनिश्चित कर विनिर्माण को विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसे भारत में अनुकूल परिवेश बनाने और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बनाने के उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है। इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित होने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होने और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। यह योजना घरेलू कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रमुख इकाई बनने में भी मदद करेगी। भारत के मानव निर्मित रेशे से बने कपड़ों का निर्यात उसके कुल परिधान निर्यात का केवल 10 प्रतिशत है। यह 2019-20 में लगभग 16 अरब डालर था। 

इससे पहली बीते महीने ही सरकार ने देश में विशेष प्रकार के इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने लिये 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। सरकार के मुताबिक पीएलआई योजना के तहत 6,322 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पांच साल की अवधि के दौरान दिया जाएगा और इससे 5.25 लाख रोजगार सृजित होंगे। योजना के तहत पात्र विनिर्माताओं को बढ़े हुए उत्पादन पर 4 से 12 प्रतिशत के बीच प्रोत्साहन दिया जाएगा। 

 

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