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वित्तीय समस्या से जूझ रही BSNL का 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली पर जोर

नकदी समस्या से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने अपने कंपनी ग्राहकों से बकाये की वसूली के लिये आक्रामक तरीके से कदम उठाने की योजना बनायी है। दूरसंचार कंपनी अगले दो तीन महीनों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये में से बड़ी राशि की वसूली की उम्मीद कर रही है।

Written by: India TV Paisa Desk
Published : August 11, 2019 13:52 IST
Cash-strapped BSNL chasing dues of Rs 3,000 crore from biz clients - India TV Paisa

Cash-strapped BSNL chasing dues of Rs 3,000 crore from biz clients 

नयी दिल्ली। नकदी समस्या से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने अपने कंपनी ग्राहकों से बकाये की वसूली के लिये आक्रामक तरीके से कदम उठाने की योजना बनायी है। दूरसंचार कंपनी अगले दो तीन महीनों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये में से बड़ी राशि की वसूली की उम्मीद कर रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) यह कदम ऐसे समय उठा रही है जब कंपनी वित्तीय स्थिति को लेकर खासा दबाव में है और इसके कारण उसे इस साल दूसरी बार कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी की है। बीएसएनएल ने कर्मचारियों का जुलाई महीने का वेतन पांच अगस्त को जारी किया था।

बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने कहा कि हमारा कंपनी ग्राहकों के ऊपर बकाया है जो 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है। हम इसकी वसूली के लिये आक्रामक तरीके से कदम उठा रहे हैं... इस दिशा में हमें सफलता भी मिल रही है। पुरवार ने कहा कि पूरी बकाया राशि वसूली की समयसीमा बताना कठिन है, पर बीएसएनएल को अगले दो-तीन महीनों में उसमें से बड़ी राशि की वसूली की उम्मीद है। कंपनी किराये से भी बढ़ी हुई आय प्राप्त करने की उम्मीद कर रही है। इस साल बीएसएनएल की किराये से करीब 1,000 करोड़ रुपये की आय पर नजर है। पिछली बार यह 200 करोड़ रुपये थी। इस योजना के तहत मौजूदा इमारतों के अधिक-से-अधिक उपयोग और ज्यादा जगह को पट्टे पर देने की योजना है।

इसके अलावा बीएसएनएल सालाना करीब 200 करोड़ रुपये तक बचाने को लेकर ‘आउटसोर्स’ किये गये कार्यों को दुरुस्त करने पर भी काम कर रही है। कंपनी का मासिक आय और खर्च (परिचालन व्यय और वेतन) में 800 करोड़ रुपये का अंतर है। दूरसंचार विभाग पुनरूद्धार पैकेज के रूप में बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के लिये राहत योजना तैयार कर रहा है। इस पैकेज में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना, संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने और 4 जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है। इसके अलावा विभाग दोनों सार्वजनिक उपक्रमों (बीएसएनएल और एमटीएनएल) को पटरी पर लाने के इरादे से संभवत: उनके विलय पर भी काम कर रहा है। बीएसएनएल को 2018-19 में करीब 14,000 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है। कंपनी को 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

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