चेन्नई। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों के विलय के बारे में सुझाव देने के लिए सरकार जल्द ही एक सलाहकार की नियुक्ति करेगी। एक कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र की यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम. एन. शर्मा ने कहा कि हम यूनाइटेड इंडिया में दो अन्य कंपनियों का विलय चाहते हैं। क्षेत्र की तीन कंपनियों में यूनाइटेड इंडिया सबसे बड़ी है। हम चाहते हैं कि उनका विलय हमारी कंपनी में हो।
वित्त मंत्री ने 2018- 19 के बजट में साधारण बीमा क्षेत्र की ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इश्योरेंस के विलय का प्रस्ताव किया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि तीनों कंपनियों को मिलाकर एक कंपनी बनाई जाएगी और फिर उसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा।
शर्मा ने कहा कि विलय को लेकर बातचीत अभी ज्यादा आगे नहीं बढ़ी है। सरकार विलय की व्यवहार्यता को देखने परखने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति करेगी। उन्होंने कहा कि एक सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी जो कि तीनों कंपनियों का अध्ययन करेगा। वह देखेगा कि कौन से तरीका अपनाया जाना ठीक होगा। दो कंपनियों को एक कंपनी में मिलाया जाये या फिर तीनों को मिलाकर एक नई कंपनी बनाई जाएगी, इस बारे में हमें अभी कुछ पता नहीं है। हमें प्रतीक्षा करनी होगी।
तीनों बीमा कंपनियों का कुल प्रीमियम 2016- 17 में 44,000 करोड़ रुपए रहा था और उनकी कुल बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत रही। यूनाइटेड इंडिया का 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ 1,003 करोड़ रुपए रहा जबकि एक साल पहले कंपनी को 1,914 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।