Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. BSNL के पास नहीं है जून माह का वेतन देने के लिए पैसा, सरकार से मांगी तत्‍काल मदद

BSNL के पास नहीं है जून माह का वेतन देने के लिए पैसा, सरकार से मांगी तत्‍काल मदद

कंपनी का कहना है कि परिचालन चालू रखना अब उसके लिए लगभग असंभव हो गया है और उसके पास अपने लगभग 1.7 लाख कर्मचारियों को जून माह का वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : June 24, 2019 15:24 IST
Do not have enough money to pay June salaries, says BSNL - India TV Paisa
Photo:BSNL

Do not have enough money to pay June salaries, says BSNL

नई दिल्‍ली। बीमार सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने सरकार को पत्र लिखकर तत्‍काल नगद राशि की मांग की है। कंपनी का कहना है कि परिचालन चालू रखना अब उसके लिए लगभग असंभव हो गया है और उसके पास अपने लगभग 1.7 लाख कर्मचारियों को जून माह का वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं हैं। कंपनी को जून माह के वेतन के लिए 850 करोड़ रुपए चाहिए और उसके ऊपर कुल 13,000 करोड़ रुपए का बकाया है जिसने कंपनी के कारोबार को अस्थिर बना दिया है।

बीएसएनएल के कॉरपोरेट बजट और बैंकिंग डिवीजन के सीनियर जनरल मैनेजर पूरन चंद्रा ने टेलीकॉम मंत्रालय के ज्‍वॉइंट सेक्रेटरी को लिखे पत्र में कहा है कि मासिक राजस्‍व और खर्च के बीच अंतर की वजह से परिचालन को चालू रखना अब उस स्‍तर पर पहुंच गया है जहां इसे आगे जारी रखना लगभग असंभव है और अब तत्‍काल पर्याप्‍त पूंजी निवेश की आवश्‍यकता है।

पिछले हफ्ते भेजे गए पत्र में बीएसएनएल ने बीमार संगठन की आगे की रणनीति तय करने के लिए सरकार से सलाह मांगी है। बीएसएनएल देश की शीर्ष नुकसान में रहने वाला सार्वजनिक उपक्रम है। कोटक इंस्‍टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल का परिचालन घाटा दिसंबर 2018 में बढ़कर 90,000 करोड़ रुपए के स्‍तर को पार कर चुका है।

पुर्नगठन की बातचीत के बावजूद सरकार कोई भी रिवाइवल रोडमैप देने में विफल रही है और यहां तक के उसने इसे बंद करने के प्रस्‍ताव को भी ठुकरा दिया है। उच्‍च कर्मचा‍री लागत, खराब मैनेजमेंट, अनचाहे और गलत सरकारी हस्‍तक्षेप एवं आधुनिकीकरण योजना में देरी की वजह से बीएसएनएल पिछले कुछ सालों से नुकसान में चल रही है।

कंपनी के मोबाइल उपभोक्‍ता बाजार हिस्‍सेदारी 2004-05 की तुलना में अब घटकर आधी हो गई है और यह लगभग 10 प्रतिशत के आसपास रह गई है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement