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Fitch ने बताया भारत में इस वजह से बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले, पीएम मोदी पर भरोसा है कायम

एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड-19 मामलों से लॉकडाउन का और विसतार होगा।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 07, 2021 9:17 IST
Fitch and Credit Suisse cuts FY22 GDP forecast, support for PM Modi will remain strong- India TV Paisa
Photo:PTI

Fitch and Credit Suisse cuts FY22 GDP forecast, support for PM Modi will remain strong

नई दिल्‍ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच सोल्यूशंस ने कहा कि कोविड-19 के मौजूदा बढ़ते संकट के बीच सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के प्रति जन समर्थन को कुछ धक्का लगा है पर लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को मतदाताओं का समर्थन आने वाली तिमाहियों और इस मानव संकट के दौरान मजबूत बना रहेगा। कोरोना वायरस संक्रमण की लहर ने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को डुबो दिया है और लगता है कि व्यवस्था घ्वस्त हो गई है। एजेंसी ने कहा कि कोराना वायरस संक्रमण के इस दौर के बीच वित्त वर्ष 2021- 22 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि कम होकर 9.5 प्रतिशत रह सकती है।

एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड-19 मामलों से लॉकडाउन का और विसतार होगा। एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 मामलों के तेजी से बढ़ने से भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर हुई हैं। सरकार की तरफ से अपर्याप्त उपाय, लोगों का स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन नहीं करना जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनना, शारीरिक दूरी रखने के नियम का पालन नहीं करना भी बड़ी वजह रही है कि भारत में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं।  

फिच का मानना है कि कंटेनमेंट जोन जैसे उपायों से भारत की आर्थिक क्षेत्र में सुधरती स्थिति पर असर होगा लेकिन स्थानीय स्तर पर अलग अलग स्थानों पर लगने वाले प्रतिबंधों से अर्थव्यवस्था पर वास्तविक प्रभाव पिछले साल अप्रैल-जून के प्रभाव के मुकाबले कम ही होगा।

लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में हो सकती है दो-तीन वर्ष की देरी

वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस ने कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के खतरे को देखते हुए मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को घटाते हुए 8.5 से 9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। कंपनी ने यह चेतावनी भी दी है कि आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने से संभावनाओं के अनुरूप जीडीपी हासिल करने के लिए दो से तीन वर्ष की देरी भी लग सकती है।

क्रेडिट सुइस के भारत में इक्विटी रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि हमें वर्ष 2021-22 में वर्ष 2019-20 के मुकाबले जीडीपी पांच प्रतिशत अधिक बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी चार प्रतिशत रही थी।  उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार आर्थिक गतिविधियां कुछ सप्ताह तक प्रभावित रहेंगी जबकि पिछले वर्ष कई महीनों तक आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियां प्रभावित रही थी। इस बार प्रतिबंध राष्ट्रीय स्तर पर कम और छोटे स्तर पर अधिक है। उन्होंने कहा कि विकास कब सामान्य होगा, यह उस पर निर्भर करता है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कबतक रहती है और सरकारों द्वारा प्रतिबंध कब हटाए जाएंगे। उम्मीद है कि मध्य मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति में कमी आएगी या ज्यादा कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए जाएंगे।

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