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मोदी सरकार ने निजीकरण की दिशा में उठाया बड़ा कदम, नुमालीगढ़ रिफाइनरी को अलग कर बेचा जाएगा BPCL को

सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दे दी।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : November 21, 2019 11:58 IST
Govt sale entire stake in BPCL after taking out Numaligarh refinery from its fold- India TV Paisa
Photo:BPCL

Govt sale entire stake in BPCL after taking out Numaligarh refinery from its fold

नई दिल्‍ली। निजीकरण की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाते हुए मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोलियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), पोत परिवहन कंपनी एससीआई और माल ढुलाई कंपनी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) में सरकारी हिस्‍सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकार की हिस्‍सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को भी स्‍वीकृति दी है।  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की देश की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी बीपीसीएल से नुमालीगढ़ रिफाइनरी को अलग किया जाएगा। उसके बाद प्रबंधन नियंत्रण के साथ बीपीसीएल में सरकार की 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाएगा। मंत्रिमंडल ने एससीआई में सरकार की पूरी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी तथा कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30.9 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को भी मंजूरी दे दी। सरकार की कॉनकोर में फिलहाल 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा सरकार टीएचडीसी इंडिया तथा नॉर्थ  ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनईईपीसीओ) में सरकार की हिस्सेदारी को सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लिमिटेड को बेच दिया जाएगा।

सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दे दी। हालांकि, इनमें प्रबंधन नियंत्रण सरकार अपने पास ही रखेगी। विनिवेश की जाने वाली कंपनी की हिस्सेदारी दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने के आधार पर सरकार का उस इकाई में प्रबंधन नियंत्रण होगा। सरकार की फिलहाल आईओसी में 51.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें 25.9 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी के पास तथा ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) तथा ऑयल इंडिया लि. के पास है। सरकार 26.4 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 33,000 करोड़ रुपए में बेच सकती है।

सीतारमण ने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को सार्वजनिक क्षेत्र की किसी अन्‍य पेट्रोलियम कंपनी को सौंपा जाएगा। पूर्वोत्तर में निजीकरण की पहल को लेकर चिंता को दूर करते हुए यह कदम उठाया गया है।

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