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Iran sanctions: कच्चे तेल की आपूर्ति नहीं होगी प्रभावित, भारत के पास उपलब्‍ध हैं वैकल्पिक स्रोत

ईरान से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश है।

Written by: India TV Paisa Desk
Published : April 23, 2019 11:25 IST
Iran sanctions- India TV Paisa
Photo:IRAN SANCTIONS

Iran sanctions: India lines up alternate sources, supplies not to be impacted

नई दिल्ली। ईरान से कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले में खरीदार देशों को आगे प्रतिबंधों में छूट नहीं देने के अमेरिका के फैसले के बाद भारत ने आपूर्ति में संभावित कमी के मद्देनजर वैकल्पिक स्रोतों की तैयारी कर ली है। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को ईरान से कच्चा तेल खरीदने के मामले में भारत जैसे देशों को प्रतिबंधों से दी गई छूट को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। 

एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि हमारे कच्चे तेल की आपूर्ति के स्रोत काफी फैले हुए हैं। किसी भी संभावित कमी को पूरा करने के लिए हमारे पास वैकल्पिक स्रोत हैं। अमेरिका की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल ईरान और दुनिया की बड़ी ताकतों के बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। उसके बाद इस फारस की खाड़ी स्थित देश पर नए सिरे से प्रतिबंध लागू किए गए।

हालांकि, तब चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और यूनान सहित आठ देशों को छह माह के लिए ईरान से तेल आयात की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही ईरान से तेल आयात में कटौती की भी शर्त लगाई गई थी। प्रतिबंध से छूट की यह अवधि दो मई को समाप्त हो रही है। 

ईरान से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश है। भारत ने ईरान से 2017-18 में जहां 2.26 करोड़ टन कच्चे तेल की खरीदारी की थी, वहीं प्रतिबंध लागू होने के बाद इसे घटाकर 1.50 करोड़ टन सालाना कर दिया गया। 

तेल आपूर्ति में किसी प्रकार की कमी की भरपाई करेगा सऊदी अरब

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का सहयोगी देश सऊदी अरब तेल आपूर्ति में किसी भी कमी को पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने ईरान से तेल निर्यात पर पाबंदी कड़ी करने के बाद यह बात कही। ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा कि ईरान पर अब हमारी पूर्ण पाबंदी के बाद सऊदी अरब और ओपेक (तेल निर्यातक देशों के संगटन) के अन्य देश तेल आपूर्ति में किसी भी कमी की भरपाई करेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन समेत कुछ देशों को ईरान से तेल आयात पर पाबंदी से छूट दी गई थी। इस छूट को दो मई से समाप्त करने की अमेरिका ने घोषणा की है। इससे पहले, व्हाइट हाउस ने ईरान पर कच्चे तेल के निर्यात को लेकर पाबंदी को और कड़ा करने की घोषणा की। तेल क्षेत्र ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण है। व्हाइट हाउस ने कहा कि उसका इरादा ईरान के तेल निर्यात को शून्य स्तर पर लाना है। 

ईरान ने तेल क्षेत्र पर अमेरिकी पाबंदी को बताया अवैध

ईरान ने अपने तेल क्षेत्र पर अमेरिकी पाबंदी को अवैध बताया है। अमेरिका के ईरान से तेल आयात पर जारी पाबंदी से कुछ देशों को दी गई छूट की अवधि को आगे नहीं बढ़ाने की घोषणा के बाद पश्चिम एशियाई देश ने यह बात कही। 

विदेश मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा कि पाबंदी सवालों के घेरे में है। सैद्धांतिक रूप से यह अवैध है। ईरान कुछ देशों को छूट की बात को तवज्जो नहीं देता है।  

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