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ITC का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 30.24 फीसदी बढ़कर 3,343.44 करोड़ रुपए पर

आईटीसी लिमिटेड को 30 जून, 2021 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,343.44 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 30.24 प्रतिशत अधिक है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : July 24, 2021 21:25 IST
ITC का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 30.24 फीसदी बढ़कर 3,343.44 करोड़ रुपए पर- India TV Paisa
Photo:FILE

ITC का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 30.24 फीसदी बढ़कर 3,343.44 करोड़ रुपए पर

नई दिल्ली: आईटीसी लिमिटेड को 30 जून, 2021 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,343.44 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 30.24 प्रतिशत अधिक है। इससे पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कंपनी ने 2,567.07 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में आईटीसी लि.ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन आय 35.91 प्रतिशत बढ़कर 14,240.76 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 10,478.46 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन तिमाही में आईटीसी का कुल खर्च 10,220.49 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि से 28.27 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में यह 7,967.71 करोड़ रुपये था।

ICICI बैंक का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 52 फीसदी बढ़कर 4,747.42 करोड़ रुपए पर

निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 52 प्रतिशत बढ़कर 4,747.42 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। प्रावधान में कमी की वजह से बैंक का शुद्ध लाभ बढ़ा है। हालांकि, बैंक के खुदरा ऋण खंड पर दबाव भी बढ़ा है। संपत्ति के लिहाज से निजी क्षेत्र के इस दूसरे सबसे बड़े बैंक ने एकल आधार पर पहली तिमाही में 4,616.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 77 अधिक है। पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में महामारी की वजह से राष्ट्रव्यापी स्तर पर लॉकडाउन से बैंक का मुनाफा प्रभावित हुआ था। 

बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय घटकर 24,379 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 26,067 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान बैंक का कुल प्रावधान 2,852 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 7,594 करोड़ रुपये रहा था। बैंक के कार्यकारी निदेशक संदीप बत्रा ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर की वजह से अप्रैल और मई के दौरान बैंक की ऋण वसूली बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे बैंक की गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ गईं।’’ 

तिमाही के दौरान बैंक का सकल एनपीए 5.15 प्रतिशत रहा, जो इससे पिछली तिमाही में 4.96 प्रतिशत तथा एक साल पहले 5.46 प्रतिशत था। बैंक का नया एनपीए 7,231 करोड़ रुपये रहा। इसमें खुदरा और बिजनेस बैंकिंग कारोबार का हिस्सा 6,773 करोड़ रुपये तथा एसएमई और कॉरपोरेट खंड का 458 करोड़ रुपये रहा। खुदरा और बिजनेस बैंकिंग खंड में कुल ऋण पर एनपीए बढ़कर 3.75 प्रतिशत हो गया, जो मार्च तिमाही के दौरान 3.04 प्रतिशत तथा एक साल पहले 2.04 प्रतिशत था। बत्रा ने कहा कि बैंक खुदरा खाते की स्थिति को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि पूर्व में प्रणाली में कॉरपोरेट खंड का प्रदर्शन सबसे खराब रहता था, लेकिन आज यह अच्छी स्थिति में है।

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