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HIV, डायबिटीज और एंजाइना दवा की कीमतों में 44 फीसदी कटौती, इलाज कराना होगा सस्‍ता

सरकार ने 55 जरूरी दवा का अधिकतम मूल्य तय किया है, जिससे एचआईवी संक्रमण, मधुमेह सहित अनेक रोगों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की कीमत 44 प्रतिशत तक घटी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: December 23, 2016 21:38 IST
HIV, डायबिटीज और एंजाइना दवा की कीमतों में 44 फीसदी कटौती, इलाज कराना होगा सस्‍ता- India TV Paisa
HIV, डायबिटीज और एंजाइना दवा की कीमतों में 44 फीसदी कटौती, इलाज कराना होगा सस्‍ता

नई दिल्ली। सरकार ने 55 जरूरी दवा का अधिकतम मूल्य तय किया है, जिससे एचआईवी संक्रमण, मधुमेह, कंठशूल एंजाइना व घबराहट डिसऑर्डर सहित अनेक रोगों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की कीमत 5 से लेकर 44 प्रतिशत तक कम हुई है।

  • नेशनल ड्रग प्राइसिंग रेगूलेटर एनपीपीए ने इसके साथ ही 29 फॉर्मूलेशन की रिटेल कीमत भी तय की है।
  • एनपीपीए ने इस बारे में एक बयान जारी किया है। इसके अनुसार, एनपीपीए ने दवा कीमत नियंत्रण संशोधन आदेश 2016 के तहत अनुसूची-एक की 55 अधिसूचित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमत संशोधित या तय की है।
  • इसी तरह डीपीसीओ, 2013 के तहत 29 फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमत तय की गई है।
  • एनपीपीए के चेयरमैन भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कीमतों में 5 प्रतिशत से 44 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
  • औसत कमी 25 प्रतिशत है।
  • दवा कीमत नियंत्रण आदेश डीपीसीओ 2013 के तहत एनपीपीए अनुसूची एक की जरूरी दवाओं की अधिकतम कीमत तय करता है।
  • प्राइस कंट्रोल के दायरे में नहीं आने वाली दवाओं के मामले में निर्माता को सालाना अधिकतम खुदरा मूल्‍य में 10 फीसदी वृद्धि करने की अनुमति है।
  • सरकार ने 1995 के पुराने नियमों के स्‍थान पर डीपीसीओ 2013 को अधिसूचित किया है, जो 15 मई 2014 से प्रभावी है, इसके तहत 680 फॉर्मूलेशन आते हैं।
  • पुराने नियमों के तहत केवल 74 बल्‍क दवाओं को ही कवर किया जा सकता था।
  • 1997 में स्‍थापित एनपीपीए फार्मा उत्‍पादों की कीमतों को तय करने और संशोधित करने का काम करता है।

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