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रबी फसलों के लिए सोना है बारिश, गेहूं का उत्‍पादन रिकॉर्ड 10.80 करोड़ टन होने का अनुमान

कृषि वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि तमाम रबी फसलों के लिए यह पानी नहीं बल्कि सोना बरस रहा है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 09, 2020 17:40 IST
rain is gold for rabi crops, wheat production is estimated to be 1080 million tonnes- India TV Paisa

rain is gold for rabi crops, wheat production is estimated to be 1080 million tonnes

नई दिल्‍ली। बेमौसम बरसात से जहां एक तरफ ठंड बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बेमौसम बरसात गेहूं, चना, सरसों व अन्‍य रबी फसलों के लिए सोना बनकर बरस रही है। बीते कुछ दिनों से उत्‍तर भारत समेत देश के विभिन्‍न इलाकों में बूंदा-बांदी हो रही है, जिससे खेतों में खड़ी रबी फसलों की रौनक बढ़ गई है।

कृषि वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि तमाम रबी फसलों के लिए यह पानी नहीं बल्कि सोना बरस रहा है। इंद्रदेव के मेहरबान होने से किसानों को फसलों की सिंचाई पर होने वाला खर्च भी बच गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्‍थान के निदेशक डा. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रबी फसलों के लिए आसमान से पानी नहीं बल्कि सोना बरस रहा है। इससे फसलों की वृद्धि तेज हो जाएगी और उत्‍पादकता बढ़ेगी। उन्‍होंने कहा कि खासतौर पर गेहूं के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है, क्‍योंकि बूंदा-बांदी व फुहार के रूप में आसमान से जो पानी गिरता है, उससे फसलों को ज्‍यादा लाभ होता है।

गेहूं रबी सीजन की सबसे प्रमुख फसल है और इसकी बुवाई इस साल औसत से ज्‍यादा हो चुकी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय द्वारा बीते सप्‍ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में रबी फसलों की बुवाई 312.81 लाख हेक्‍टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल से 9.35 प्रतिशत अधिक है।

डा. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में मौसम इसी प्रकार अनुकूल रहा तो इस साल गेहूं का उत्‍पादन रिकॉर्ड 10.80 करोड़ टन हो सकता है। पिछले साल देश में 10.21 करोड़ टन गेहूं का उत्‍पादन हुआ था। इस बारिश से चना, मसूर व अन्‍य दलहनों को भी लाभ पहुंचा है।

कानपुर स्थित भारतीय दलहन अनुसंधान संस्‍थान के निदेशक डा. एनपी सिंह ने बताया कि दलहन फसल के लिए यह आरिश अमृत है। इससे दलहनों की पैदावार बढ़ जाएगी। सर्दी की बारशि को महावट कहा जाता है, जो फसलों के लिए काफी लाभकारी होता है।

डा. सिंह ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश और मध्‍यप्रदेश में कहीं-कहीं पाला पड़ने से दलहन फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन कुल मिलाकर इस साल दलहन की फसल अच्‍छी है और इस बारिश के बाद पैदावार बढ़ेगी। देशभर में चना समेत सभी दलहन फसलों का रकबा 146.24 लाख हेक्‍टेयर हो चुका है, जो पिछले साल समान अवधि से 4.02 लाख हेक्‍टेयर अधिक है।

एक अन्‍य तिलहन विशेषज्ञ ने बताया कि जिन इलाकों में बारिश हुई है, वहां सरसों की फसल को काफी लाभ होगा क्‍योंकि इस बारिश से उसका दाना पुष्‍ट होगा। देश में तिलहनों का रकबा इस साल अबतक 75.72 लाख हेक्‍टेयर हो चुका है, जिसमें 66.62 लाख हेक्‍टेयर है।

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