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  4. नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव न करने को लेकर RBI गवर्नर ने बताया आगे का क्या है प्लान?

रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर बढ़ाने के ब्याज दर के अलावा और भी हैं उपाय: दास

दास ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी तक सालाना आधार पर 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 471.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: February 06, 2020 13:30 IST
Reserve Bank of India, RBI, RBI Governor, Shaktikanta Das - India TV Paisa
Photo:PTI

Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das at the RBI's sixth bi-monthly monetary policy review meeting of 2019-20, in Mumbai on Thursday.

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लगातार दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर स्थिर रखने के बाद गुरुवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि दर की गति बढ़ाने के लिये मुख्य ब्याज दर में घटबढ़ करने के अलावा और भी कई अन्य उपाय हैं। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति बैठक में 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। उसने कहा कि मुद्रास्फीति का परिदृश्य बेहद अनिश्चित बना हुआ है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 31 जनवरी को जारी बयान में 2018-19 के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान मई 2019 के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया। इसके आधार पर रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में अभी भी क्षमता से कम उत्पादन हो रहा है।

शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा परिणाम जारी करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर में जारी नरमी से निपटने के लिये और भी कई अन्य उपाय हैं।' मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है। समिति ने मौद्रिक नीति के रुख को भी उदार बनाये रखा है।

दास ने कहा कि पिछली बैठक के बाद इस बैठक में भी रेपो दर यथावत रखे जाने को भविष्य के कदमों के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये। उन्होंने कहा, 'भले ही इस बार का निर्णय अनुमानों के अनुरूप है, लेकिन रिजर्व बैंक की भूमिका को कम नहीं आंकना चाहिये।'

दास ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी तक सालाना आधार पर 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 471.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो दर में की गई कटौतियों का लाभ अब तक ग्राहकों तक पूरा नहीं पहुंच पाया। उन्‍होंने कहा कि दीर्घकालिक रेपो दर तय करने से ग्राहकों तक इसका लाभ बेहतर तरीके से पहुंचाने में मदद मिलेगी। दास ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह ही 2020 में भी मौद्रिक नीति उदार बनी रहेगी।

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