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ट्राई को इस माह अंत तक कॉल जोड़ने के शुल्क पर अंतिम राय बन जाने की उम्मीद: अधिकारी

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को कॉल जोड़ने के शुल्क के विवादित मुद्दे पर इस माह के अंत तक अपनी राय को अंतिम रूप दे दिये जाने की उम्मीद है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: November 18, 2019 14:08 IST
TRAI- India TV Paisa

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नयी दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को कॉल जोड़ने के शुल्क के विवादित मुद्दे पर इस माह के अंत तक अपनी राय को अंतिम रूप दे दिये जाने की उम्मीद है। ट्राई के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। दूरसंचार नियामक ने पिछले सप्ताह उद्योग प्रतिनिधियों और अन्य अंशधारकों के साथ खुली परिचर्चा में इस बात पर विचार विमर्श किया था कि क्या कॉल जोड़ने के शुल्क को समाप्त करने की तारीख को आगे बढ़ाने की जरूरत है। 

फिलहाल, इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) को समाप्त करने की तिथि एक जनवरी 2020 है। किसी दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली कॉल को जोड़ने पर दिये जाने वाले शुल्क को इंटरकनेक्शन प्रयोग शुल्क या आईयूसी कहा जाता है। इस बैठक में यह विचार किया गया कि क्या आईयूसी को समाप्त करने की एक जनवरी की तारीख को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ट्राई के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि इस बारे में नियामक के नवंबर अंत तक अपनी राय को अंतिम रूप दे दिये जाने की उम्मीद है। 

हालांकि, अधिकारी ने और ब्योरा देने से इनकार किया। इस अधिकारी ने क्षमता निर्माण और नीति नियमन तथा विकास के लिए बेहतर व्यवहार को साझा करने पर आसियान-ट्राई के कार्यक्रम के मौके पर अलग से बातचीत में यह जानकारी दी। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने इससे पहले कहा था कि यदि आईयूसी को समाप्त करने की तारीख को एक जनवरी से आगे बढ़ाया जाता है तो इससे निशुल्क वॉयस कॉल का दौर समाप्त हो जाएगा और शुल्क दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, जो उपभोक्ता के हित में नहीं होगा। 

दूरसंचार ऑपरेटर को उसके उपभोक्ता द्वारा प्रतिद्वंद्वी के नेटवर्क की गई कॉल को पूरा करने के लिए भुगतान करना होता है। इसके लिए प्रतिद्वंद्वी नेटवर्क को आईयूसी का भुगतान किया जाता है। अभी आईयूसी छह पैसे प्रति मिनट है। इसी मौके पर भारती एयरटेल ने कहा था कि आईयूसी को शून्य पर नहीं लाया जाना चाहिए। एयरटेल ने कहा था कि बिल एंड कीप (एक जूनवरी से शून्य मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क) व्यवस्था को कम से कम तीन साल के लिए टाला जाना चाहिए। 

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