Highlights
- राजस्थान में 390 मेगावाट का हाइब्रिड पावर प्लांट चालू हुआ
- यह पावर प्लांट एक साथ पवन-सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करेगा
- अदाणी ग्रीन एनर्जी के पास अब 5.8 गीगावॉट की परिचालन क्षमता है
अभी तक आप कोयले या जलविद्युत के अलावा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि जैसे साधनों से बिजली उत्पादन के बारे में जानते होंगे। लेकिन देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की सहायक कंपनी अहेजोल ने देश में पहली बार हाइब्रिड पावर प्लांट स्थापित कर नया इतिहास रच दिया है।
राजस्थान में 390 मेगावाट के पवन-सौर हाइब्रिड पावर प्लांट ने उत्पादन शुरू कर दिया है। जैसलमेर में स्थापित यह संयंत्र भारत में अब तक का पहला पवन और सौर हाइब्रिड बिजली उत्पादन संयंत्र है। सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से एकीकृत हाइब्रिड पावर प्लांट, अक्षय ऊर्जा की पूरी क्षमता का उपयोग करता है और बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए एक अधिक विश्वसनीय समाधान प्रदान करता है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री विनीत एस जैन ने कहा, "विंड-सौर हाइब्रिड ऊर्जा हमारी व्यावसायिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसका उद्देश्य भारत की हरित ऊर्जा की बढ़ती जरूरत को पूरा करना है।" भारत के सतत ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
SECI के साथ करार
नए संयंत्र का सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ बिजली खरीद समझौता (पीपीए) है, जिसमें टैरिफ 2.69 रुपये प्रति kWh है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर औसत बिजली खरीद लागत (APPC) से काफी कम। इस संयंत्र के सफलतापूर्वक चालू होने के साथ, एजीईएल की अब परिचालन क्षमता 5.8 गीगावाट हो गई है।