
अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड के साथ बाइलेटरल लोन एग्रीमेंट के तहत करीब 150 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस पूरे मामले से परिचित लोगों ने अडाणी पोर्ट्स और डीबीएस ग्रुप के बीच हुई इस डील की जानकारी साझा की है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अडाणी पोर्ट्स द्वारा इस लोन के पैसों का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सुविधा की कीमत बेंचमार्क सिक्योर्ड ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट से लगभग 200 बेसिस पॉइंट्स ज्यादा रखी गई है। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि हेजिंग कॉस्ट सहित कुल कीमत लगभग 5.5% है।
रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद ग्लोबल बैंक से पहला लोन
हालांकि, अडाणी पोर्ट्स और डीबीएस ने अभी तक इस लोन डील पर कोई आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं दिया है। बताते चलें कि पिछले साल नवंबर में कथित रिश्वतखोरी की साजिश के लिए अडाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा अभियोग लगाए जाने के बाद ये ग्रुप लगातार ऋणदाताओं का विश्वास हासिल कर रहा है। एक व्यक्ति ने कहा कि अभियोग के बाद से ये बाइलेटरल लोन ग्रुप का किसी ग्लोबल बैंक से पहला लोन है। पिछले महीने, ग्रुप ने एक कंस्ट्रक्शन फर्म के अधिग्रहण के लिए एक ऑफशोर प्राइवेट प्लेसमेंट बॉन्ड के माध्यम से करीब 750 मिलियन डॉलर जुटाए थे। इसमें ब्लैकरॉक इंक ने लगभग एक तिहाई निर्गम की सदस्यता ली।
750 मिलियन डॉलर के लोन के लिए कई बैंकों के साथ बातचीत जारी
इसके अलावा, ग्रुप अपनी एयरपोर्ट यूनिट के लिए 750 मिलियन डॉलर के लोन के लिए बार्कलेज पीएलसी, फर्स्ट अबू धाबी बैंक पीजेएससी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पीएलसी सहित विदेशी बैंकों के साथ बातचीत कर रहा है। ब्लूमबर्ग ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि अडाणी और उनकी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हाल ही में रिश्वतखोरी की जांच में उनके खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों को खारिज करने की संभावना पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की।