अडाणी ग्रुप ने मंगलवार को जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से अनुमति मांगी। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को जेपी ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है। ये घटनाक्रम तब सामने आया जब अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी के ग्रुप ने कथित तौर पर कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के लिए बिना शर्त बोली लगाई है। जेपी ग्रुप कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है।
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड में पूरी हिस्सेदारी खरीदना चाहता है अडाणी ग्रुप
सीसीआई के समक्ष दायर एक नोटिस के अनुसार, ‘‘प्रस्तावित संयोजन, अधिग्रहणकर्ताओं (अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड) या अडाणी ग्रुप का हिस्सा बनने वाली किसी अन्य यूनिट द्वारा लक्षित (जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड) की 100 प्रतिशत तक शेयरधारिता के अधिग्रहण से संबंधित है।''
अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है AEL
अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) गुजरात स्थित अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड एक इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप है, जो इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन, सीमेंट, पावर, रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में बिजनेस करती है। सीसीआई को भेजे एक नोटिस में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स और जेपी ग्रुप ने कहा है कि ‘‘प्रस्तावित संयोजन किसी भी संभावित प्रासंगिक बाजार में प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंताएं पैदा नहीं करता है और इसलिए संबंधित बाजार संभावनाओं को खुला छोड़ा जा सकता है।’’
अडाणी के अलावा ये 4 कंपनियां पहले ही कतार में
पिछले महीने, डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड ने भी एक नोटिस दिया था और जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सीसीआई से मंजूरी मांगी थी। 5 कंपनियों - अडाणी एंटरप्राइजेज, वेदांता ग्रुप, डालमिया भारत सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए अपनी समाधान योजनाएं प्रस्तुत की हैं। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की इलाहाबाद पीठ के 3 जून, 2024 के आदेश के तहत सीआईआरपी में शामिल किया गया था।
पीटीआई इनपुट्स के साथ



































