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बैंक तकनीकी शब्दों के जाल में नहीं फंसा पाएंगे, लोन देने से पहले सरल शब्दों में देंगे ये जानकारी

निर्देश में कहा गया है कि बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जैसी सभी संस्थाओं को आरबीआई द्वारा दिए गए स्टैंडर्ड प्रारूप के अनुसार, लोन अनुबंध निष्पादित करने से पहले सभी संभावित उधारकर्ताओं को केएफएस प्रदान करना होगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Apr 16, 2024 7:22 IST, Updated : Apr 16, 2024 7:22 IST
Bank Branch - India TV Paisa
Photo:FILE बैंक ब्रांच

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को सभी बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिया कि वे लोन लेने वाले संभावित ग्राहकों को उस लोन और ब्याज के बारे में सरल शब्दों में 'मुख्य तथ्यों का विवरण' (केएफएस) प्रदान करें, जिनका भुगतान करने की अपेक्षा उनसे की जाती है ताकि उन्हें निर्णय लेने में मदद मिल सके। ग्राहकों को बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह पहल की है।

सभी को केएफएस प्रदान करना होगा

निर्देश में कहा गया है कि बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जैसी सभी संस्थाओं को आरबीआई द्वारा दिए गए स्टैंडर्ड प्रारूप के अनुसार, लोन अनुबंध निष्पादित करने से पहले सभी संभावित उधारकर्ताओं को केएफएस प्रदान करना होगा। आरबीआई ने कहा, "केएफएस ऐसे ग्राहकों द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखा जाएगा। इसके कंटेंट को उधारकर्ता को समझाया जाएगा और एक पावती प्राप्त की जाएगी कि उसने इसे समझ लिया है।"

एक यूनीक प्रोपोजल नंबर प्रदान किया जाएगा

आरबीआई के निर्देश में कहा गया है कि केएफएस को एक यूनीक प्रोपोजल नंबर प्रदान किया जाएगा और सात दिन या उससे अधिक की अवधि वाले ऋणों के लिए कम से कम तीन कार्य दिवसों की वैधता अवधि होगी। सात दिन से कम अवधि वाले ऋणों के लिए एक कार्य दिवस की वैधता अवधि होगी। आरबीआई ने केएफएस पर सभी निर्देशों और वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) के प्रकटीकरण में सामंजस्य स्थापित करने का निर्णय लिया है।

पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी

यह पारदर्शिता बढ़ाने और विभिन्न विनियमित संस्थाओं द्वारा पेश किए जा रहे वित्तीय उत्पादों पर सूचना विषमता को कम करने के लिए किया जा रहा है, जिससे उधारकर्ताओं को सूचित वित्तीय निर्णय लेने में सशक्त बनाया जा सके। सामंजस्यपूर्ण निर्देश सभी विनियमित संस्थाओं, जैसे बैंकों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा विस्तारित सभी खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण उत्पादों पर लागू होंगे।

इनपुट: आईएएनएस

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