Wednesday, December 11, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Budget 2024: रियल एस्टेट सेक्टर की मांग, वित्त मंत्री GST दर में कमी करें और अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा दें

Budget 2024: रियल एस्टेट सेक्टर की मांग, वित्त मंत्री GST दर में कमी करें और अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा दें

हम Home Loan पर भुगतान की जाने वाली ब्याज कटौती की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की भी मांग करते हैं। इससे घर खरीदारों को बड़ी बचत होगी और ईएमआई का भुगतान आसानी से कर पाएंगे। इस बजट में किफायती आवास, जिनकी कीमत आमतौर पर 50 लाख रुपये से कम है, उसको लेकर ऐलान की उम्मीद कर रहे हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jul 14, 2024 13:04 IST, Updated : Jul 14, 2024 13:04 IST
Real Estate - India TV Paisa
Photo:FILE रियल एस्टेट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी। रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि नई सरकार बजट में इस क्षेत्र में मांग पर ध्यान देंगी। कोरोना के बाद महंगे घरों की मांग में उछाल के बावजूद, बिल्डर्स और रियल एस्टेट डेवलपर्स इस बार के बजट में कई राहत की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें कंस्ट्रक्शन मेटेरियल्स पर जीएसटी दर में कमी, सिंगलन विंडो सिस्टम को मंजूरी और अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने वाली नीतियां शामिल हैं। आपको बता दें कि सस्ते घरों की कुल बिक्री में 38% से अधिक हिस्सेदारी थी, लेकिन 2022 तक यह आंकड़ा घटकर 26% रह गया। गिरावट का यह सिलसिला जारी रहा और 2024 की पहली तिमाही में इस सेगमेंट में मांग लगभग 20% तक गिर गई।

आम बजट से रियल एस्टेट को काफी उम्मीदें

दिग्गज रियल एस्टेट एक्सपर्ट और रियल्टी कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि आम बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। हम इस बजट में रियल एस्टेट सेक्टर पर टैक्स बोझ घटने की उम्मीद कर रहे हैं। वित्त मंत्री GST दर में कमी कर घर की कीमत कम करने में मदद कर सकती है। इससे आम लोगों को सस्ता घर मिल पाएगा। इसके अलावा लंबे समय से हम सिंगल विंडो सिंस्टम की मांग कर रहे हैं। इससे प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे घर खरीदार को समय पर घर मिलेगा। हम Home Loan पर भुगतान की जाने वाली ब्याज कटौती की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की भी मांग करते हैं। इससे घर खरीदारों को बड़ी बचत होगी और ईएमआई का भुगतान आसानी से कर पाएंगे। इस बजट में किफायती आवास, जिनकी कीमत आमतौर पर 50 लाख रुपये से कम है, उसको लेकर ऐलान की उम्मीद कर रहे हैं। 

देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी

क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव, दिनेश गुप्ता कहते हैं, “रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने से घरेलू और विदेशी दोनों स्तर पर बढ़ावा देने के लिए बेहतर टैक्स इन्सेनटिव, टैक्स स्ट्रक्चर में नए आयाम सहित काफी पुरानी मांग, सिंगल विंडो सिस्टम को बजट का हिस्सा बनाना होगा जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलें। इसके अलावा, ऐसे टैक्स रीस्ट्रक्चरिंग करनी होगी जिससे निगमों और व्यक्तियों दोनों के लिए इनकम टैक्स को कम करें, सुलझे हुए टैक्स ला, लक्षित टैक्स प्रोत्साहन प्रदान करने वाले, SWAMIH फंड का अग्रिम विस्तार और निर्माण सामग्री पर कम जीएसटी दर जैसे महत्वपूर्ण सुधार भवन निर्माण उद्योग को बढ़ावा देंगे और रियल एस्टेट क्षेत्र के स्थिति में सुधार करेंगे। उपरोक्त सुधारों के संयुक्त प्रभाव से करदाताओं के लिए उपलब्ध धनराशि में वृद्धि होगी, जिससे वे अधिक उत्साह से अचल संपत्ति खरीद सकेंगे और अंततः देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।

टैक्स स्लैब बढ़ाया जाने की जरूरत 

आरजी ग्रुप के निदेशक, हिमांशु गर्ग के अनुसार, “सभी लोगों तक आवास की उपलब्धता सुनिश्चित कराने लिए टैक्स स्लैब बढ़ाया जाना चाहिए और किफायती आवास की सीमा को संशोधित किया जाना चाहिए। उद्योग विशेषज्ञ मेट्रो क्षेत्रों, विशेष रूप से एमएमआर और एनसीआर क्षेत्रों में अफोर्डबल हाउसिंग की सीमा को ₹45 लाख से बढ़ाकर ₹75 लाख करने के पक्ष में हैं। व्यक्ति की बुनियादी जरूरत और सुरक्षित निवेश के तौर पर होम लोन की दरें कम होनी चाहिए और क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) की सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए। इसके अलावा, खर्चों को कम करने और घर खरीदने वालों के लिए सामर्थ्य में सुधार के लिए जीएसटी को सरल बनाना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, एफडीआई नियमों को आसान बनाने से अंतरराष्ट्रीय पूंजी आकर्षित होगी, जिससे लक्जरी बाजार में विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।''

कई महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद

अलकक्षेंद्र सिंह, प्रमुख, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस, इरोज ग्रुप के अनुसार “रियल एस्टेट उद्योग दक्षता और विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद करता है। यदि रियल एस्टेट को औद्योगिक दर्जा दिया जाता है तो यह ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करेगा और नियमों को सरल बनाएगा। सिंगल विंडो होने से प्रोजेक्ट अप्रूवल की प्रक्रिया सरल बनेगी बनाने से परियोजना की मंजूरी में तेजी, देरी में कमी और सामान्य तौर पर परियोजना निष्पादन में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, लक्जरी संपत्तियों तक पहुंच बढ़ाने के लिए उच्च होम लोन ब्याज दर में कटौती आवश्यक है, जो मांग को बढ़ावा देगी और एक स्वस्थ बाजार वातावरण को बढ़ावा देगी। ये न केवल उद्योग को उसके विकास लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करते हैं, बल्कि रोजगार पैदा करके और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करके समग्र रूप से अर्थव्यवस्था की स्थिति में भी काफी सुधार करते हैं

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement