
बदलते दौर के साथ एक्सप्रेसवे/हाइवे के आसपास एरिया में रियल बाजार ने तेजी से पांव पसारे हैं। घर खरीदारों के इंटरेस्ट को देखते हुए रियल एस्टेट डेवलपर्स भी एक के बाद एक प्रोजेक्ट ले कर आ रहे हैं। यह ट्रेंड मेट्रो शहरों के अलावा छोटे शहरों में देखने को मिल रहा है। आपको बता दें कि हाइवे या एक्सप्रेसवे के आसपास एरिया में प्रॉपर्टी की मांग कनेक्टिविटी की वजह से बढ़ी है। हालांकि, रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि इस एक फायदे को प्रॉपर्टी खरीदने का पैमाना बनना सही नहीं है। कई ऐसी बातें हैं, जिनका ख्याल रखना जरूरी है। अगर होम बायर्स उनका ख्याल नहीं रखेंगे तो भारी नुकसान करा बैठेंगे। आइए जानते हैं कि किन गलतियों से बचना चाहिए?
हाइवे की ऊंचाई
अगर हाइवे आपके प्लॉट या प्रॉपर्टी से काफी ऊंची है, तो बारिश का पानी बहकर नीचे जमा हो सकता है। इससे जलभराव, सीलन और लंबे समय में स्ट्रक्चरल डैमेज होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, ऊंची सड़क से प्राइवेसी खत्म हो सकती है, प्राकृतिक रोशनी कम हो सकती है और घर में आना-जाना असुविधाजनक हो सकता है। इसलिए घर खरीदने से पहले हमेशा साइट प्लान और ड्रेनेज लेआउट चेक करें।
एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स की दूरी
अगर आपके घर से हाइवे का एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स काफी दूर है, तो रोज का आना-जाना मुश्किल हो सकता है। वहीं अगर बहुत पास है, तो ट्रैफिक का शोर, प्रदूषण और पैदल चलने में खतरा हो सकता है।
इसके अलावा चेक करें। केवल हाइवे पास होना काफी नहीं। देखें कि आसपास पानी, बिजली, की सुविधाएं हैं या नहीं।
इलाके का मास्टर प्लान
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इलाके का मास्टर प्लान जरूर देखें। इससे आपको पता चलेगा कि वहां आने वाले समय में कौन-कौन से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य होंगे– जैसे मेट्रो, सीवरेज, बस-स्टॉप, स्कूल, हॉस्पिटल, या मॉल आदि।
ट्रैफिक कनेक्टिविटी
हाइवे पास में है, ये काफी नहीं है। देखना ये चाहिए कि वहां से शहर के बाकी हिस्सों तक पहुंचना कितना आसान है। अगर कनेक्टिंग रोड अच्छी नहीं हैं या हर रोज ट्रैफिक जाम में फंसना होगा। इससे फायदा नहीं, सिरदर्द मिलेगा। रूट, ट्रैफिक पैटर्न और पिक आवर की भी जांच करें।
सर्विस रोड
अगर प्रॉपर्टी हाइवे से बिल्कुल सटी हुई है और सर्विस रोड जरूर चेक करें। सर्विस रोड ट्रैफिक को अलग करती है और शांति बनाए रखती है।