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डेयरी से लेकर चावल तक, भारत ने ब्रिटेन के साथ FTA में संवेदनशील क्षेत्रों को दी सुरक्षा: पीयूष गोयल

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बाद भारत अपने 99 प्रतिशत निर्यात को शुल्क-मुक्त रूप से ब्रिटेन भेज सकेगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jul 26, 2025 04:59 pm IST, Updated : Jul 26, 2025 04:59 pm IST
Prime Minister Modi, British PM Keir Starmer, Trade Minister Jonathan Reynolds and Piy- India TV Paisa
Photo:PTI प्रधानमंत्री मोदी, ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर, व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत ने ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA ) में डेयरी, चावल और चीनी सहित सभी संवेदनशील क्षेत्रों को संरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि यह समझौता जूते, कपड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा। गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''हमने भारत के सभी संवेदनशील क्षेत्रों को संरक्षण दिया है। हमने ब्रिटेन के लिए (उन क्षेत्रों) अपने दरवाजे नहीं खोले हैं। व्यापक लाभ के कारण यह एक अभूतपूर्व मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है।'' इस समझौते पर 24 जुलाई को लंदन में हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता भारत के लिए विकसित देशों के द्वार खोलेगा। 

शुल्क बढ़ाने की अनुमति देता है एफटीए 

वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत को अस्थायी रूप से शुल्क बढ़ाने या रियायतें निलंबित करने की अनुमति देता है, अगर ब्रिटिश आयात में अचानक वृद्धि से घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचता है। भारत-ब्रिटेन एफटीए पर 24 जुलाई को लंदन में हस्ताक्षर किए गए थे। इसने कहा, “इस समझौते में द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय शामिल हैं। यह भारत को कुछ वस्तुओं पर शुल्क अस्थायी रूप से बढ़ाने या शुल्क रियायतों को निलंबित करने की अनुमति देता है, अगर ब्रिटेन से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि से भारतीय घरेलू उद्योगों को गंभीर नुकसान पहुंचता है या इसका खतरा होता है।” 

कार्रवाई करने का अधिकार

मंत्रालय ने कहा कि इस समझौते के तहत द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय की अवधि शुरू में दो वर्ष तक है। यदि जांच से यह पता चलता है कि गंभीर क्षति को रोकने या उसका समाधान करने तथा घरेलू उद्योग के लिए समायोजन को सुगम बनाने के लिए सुरक्षा उपाय की अब भी आवश्यकता है, तो इस अवधि को अतिरिक्त दो वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसमें कहा गया है, “इस प्रकार, किसी द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय की कुल अधिकतम अवधि चार वर्ष है।” इसके अलावा, यदि कोई द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय केवल दो वर्षों के लिए लागू किया जाता है, तो किसी भी देश को जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। लेकिन यदि इस उपाय को चार वर्षों तक बढ़ा दिया जाता है, तो देशों को जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार होगा। 

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