
मुंबई एयरपोर्ट पर 1 मई से हैंड-कैरिज ज्वैलरी निर्यात-आयात की शुरुआत होने जा रही है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इसे देश के रत्न एवं आभूषण व्यापार के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस साल 28 मार्च को इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया। शीर्ष उद्योग निकाय ने एक बयान में कहा कि इसके तहत व्यक्तिगत परिवहन के माध्यम से आयात या निर्यात किया जा सकेगा।
एक मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई
खबर के मुताबिक, हैंड-कैरिज ज्वैलरी निर्यात-आयात को ध्यान में रखते हुए भारत डायमंड बोर्स, बीवीसी, प्रेशियस कार्गो कस्टम्स क्लीयरेंस सेंटर (पीसीसीसीसी), एयरपोर्ट कस्टम्स और जीजेईपीसी के सहयोग से 24 अप्रैल, 2025 को एक मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई। जीजेईपीसी के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने कहा कि 1 मई, 2025 को मुंबई एयरपोर्ट से हैंड-कैरिज ज्वैलरी निर्यात की शुरुआत के साथ, हम भारत के रत्न और आभूषण व्यापार के लिए एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं।
उभरते निर्यातकों को लाभ होगा
भंसाली ने कहा कि यह पहल न केवल हमारे सदस्यों - विशेष रूप से उभरते निर्यातकों के लिए रसद को सरल बनाती है, बल्कि भारत की प्रमुख वैश्विक आभूषण केंद्र के रूप में स्थिति को भी मजबूत करती है। उन्होंने कहा कि हम अपने उद्योग, विशेष रूप से एमएसएमई में विकास और अवसर को बढ़ावा देने वाले अभिनव समाधानों की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जीजेईपीसी ने कहा कि इस पहल से खास तौर से उभरते निर्यातकों को लाभ होगा। इससे उन्हें वैश्विक बाजारों में व्यक्तिगत रूप से आभूषण ले जाने की सुविधा मिलेगी। जीजेईपीसी ने कहा कि उद्योग निकाय ने सदस्यों को हैंड कैरी प्रक्रियाओं में सहायता करने के लिए पहले ही एक समर्पित एयरपोर्ट ऑफिस सेट अप कर दिया है।