म्यूचुअल फंड स्कीम्स के तहत इंडस्ट्री AUM (ऐसेट्स अंडर मैनेजमेंट) साल 2035 तक बढ़कर 300 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचने का अनुमान है। जबकि इसी अवधि में डायरेक्ट इक्विटी शेयरहोल्डिंग 250 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। कंसल्टिंग फर्म बेन एंड कंपनी और ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी ग्रो की एक जॉइंट रिपोर्ट कहती है कि खुदरा निवेशकों और जबरदस्त डिजिटल पहुंच, म्यूचुअल फंड एयूएम में तेज बढ़ोतरी से प्रेरित होगी। ‘हाउ इंडिया इन्वेस्ट्स’ टाइटल वाली रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दशक में भारतीय परिवारों में म्यूचुअल फंड की पहुंच 10 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।
सबसे तेजी से बढ़ने वाले ऐसेट क्लास के रूप में उभरा है म्यूचुअल फंड
रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ग्रोथ की अगली लहर ‘घरेलू स्वीकृति में वृद्धि, मजबूत डिजिटल सक्षमता, सहायक विनियमन और बढ़ते निवेशक विश्वास’ से प्रेरित होगी। दूसरी ओर, इक्विटी स्टेक में अपेक्षित बढ़ोतरी का श्रेय सट्टेबाजी आधारित कारोबार की जगह लॉन्ग टर्म निवेश की ओर बदलाव को दिया जा सकता है। साथ ही डिजिटल रूप से संचालित पैठ और मजबूत बाजार प्रदर्शन की भी इसमें भूमिका है। बेन इंडिया के पार्टनर और वित्तीय सेवा प्रमुख सौरभ त्रेहान ने कहा, ‘‘भारतीय परिवार पारंपरिक बचत की मानसिकता से धीरे-धीरे ज्यादा निवेश-उन्मुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही म्यूचुअल फंड और डायरेक्ट शेयर हाल के सालों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ऐसेट क्लास के रूप में उभरे हैं।’’
भारत की अर्थव्यवस्था में खुदरा निवेश का होगा अहम योगदान
ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी ग्रो के को-फाउंडर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) हर्ष जैन ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा, ‘‘हम भारतीयों में एक संरचनात्मक बदलाव देख रहे हैं। अब वे 'पहले बचत' के बजाय 'पहले निवेश' की मानसिकता की ओर बढ़ रहे हैं।’’ रिपोर्ट में भारत की 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में खुदरा निवेश को एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में रेखांकित किया गया है। इसके मुताबिक, इस तरह के निवेश से वित्तीय परिवेश और व्यवसायों में 7 लाख से ज्यादा नए रोजगार सृजित होंगे और वृद्धि पूंजी तक पहुंच आसान होगी।



































