अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले कुछ साल में एआई इंफ्रा पर लगभग 12 से 15 अरब डॉलर खर्च कर सकती है, जिसमें एक विशाल एक गीगावाट डेटा सेंटर भी शामिल हो सकता है। मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में ये बात कही है। अंबानी ने अगस्त में कंपनी की शेयरहोल्डरों की एनुअल मीटिंग में एक नई सब्सिडरी कंपनी और स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक बड़े कदम की घोषणा की थी। रिलायंस की एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडरी कंपनी- रिलायंस इंटेलिजेंस, ग्रुप की एआई पहल का नेतृत्व करेगी।
इंफ्रा, पार्टनरशिप, सर्विस और टैलेंट पर फोकस करेगा रिलायंस इंटेलिजेंस
रिलायंस इंटेलिजेंस 4 स्तंभों- इंफ्रा, पार्टनरशिप, सर्विस और टैलेंट पर फोकस करेगा। मॉर्गन स्टेनली ने रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस ने हर दशक में खुद को नया रूप दिया है और एआई उसकी इक्विटी स्टोरी को एक नया रूप देने के लिए तैयार है। जेन एनआई एनर्जी, डिजिटल, कंज्यूमर और मीडिया सेगमेंट में तालमेल के माध्यम से वैल्यू एडिशन करते हुए बड़े पैमाने पर कैपिटल डेपलॉयमेंट को सक्षम बनाता है।
कुल खर्च का 25 प्रतिशत खर्च खुद उठाएगी कंपनी
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हमारा अनुमान है कि रिलायंस एक गीगावाट डेटा सेंटर डेवलप करने के लिए एआई इंफ्रा पर लगभग 12-15 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करेगा, जिसमें लगभग 25 प्रतिशत खर्च खुद उठाएगा (डेटा सेंटर इंफ्रा पर लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर और कंपनी द्वारा सीधे स्थापित किए जाने वाले 250 मेगावाट के चिप के लिए 5 अरब अमेरिकी डॉलर)। ऐसी संभावना है कि बाकी खर्च हाइपरस्केलर और एलएलएम प्रोवाइडरों को ‘डेटा सेंटर एज अ सर्विस’ के रूप में लीज पर दी जाएगी।
जामनगर में पहले से ही चल रहा है डेटा सेंटर का पहला फेज
डेटा सेंटर का पहला फेज गुजरात के जामनगर में पहले से ही चल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि रिलायंस अपनी शुरुआती 100 मेगावाट की जेन एआई डेटासेंटर क्षमता का इस्तेमाल कर सकता है- जिसके बारे में उसने संकेत दिया है कि ये दो सालों में बढ़ेगी।’’ ये प्रयास मेटा के साथ उसके जॉइंट वेंचर को छोटे भाषा मॉडल पर, साथ ही गूगल और एज्योर के साथ पार्टनरशिप का लाभ देगा। रिलायंस ने शनिवार को मेटा की सब्सिडरी कंपनी फेसबुक ओवरसीज इंक के साथ एक डेडिकेटेड एआई जॉइंट वेंचर, रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड की घोषणा की है।
रिलायंस की नई कंपनी में फेसबुक ने खरीदी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी
पार्टनर्स ने 855 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें रिलायंस इंटेलिजेंस की 70 प्रतिशत और फेसबुक ओवरसीज की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। ये वेंचर भारतीय कंपनियों के लिए एंटरप्राइज एआई सर्विस के निर्माण और वितरण को मेटा के ओपन-सोर्स लामा एआई मॉडल को रिलायंस के व्यावसायिक नेटवर्क के साथ जोड़ेगा। रिलायंस जामनगर में एक डेडिकेटेड क्लाउड रीजन स्थापित करने के लिए गूगल के साथ भी सहयोग कर रही है, जिसमें रिलायंस की इंफ्रा क्षमताओं को गूगल की एआई और क्लाउड तकनीकों के साथ जोड़ा जाएगा।



































