
एयर इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर कैंपबेल विल्सन ने गुरुवार को कहा कि 12 जून को हादसे का शिकार हुए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का अच्छी तरह से रखरखाव किया गया था। विल्सन ने बताया कि इस विमान की आखिरी बार जून 2023 में गहन जांच की गई थी और अगली जांच दिसंबर 2025 में होनी थी। उन्होंने बताया कि लंदन के लिए उड़ान भरने से पहले प्लेन में कोई समस्या नहीं थी। यात्रियों को दिए एक संदेश में, एयर इंडिया प्रमुख ने ये भी कहा कि अगले कुछ हफ्तों के लिए वाइडबॉडी वाले विमानों के परिचालन में 15 प्रतिशत की कटौती एक अस्थायी कदम है।
सख्त हुआ बोइंग 787 और 777 का प्री-फ्लाइट सिक्यॉरिटी चेक
कैंपबेल विल्सन ने कहा, ‘‘विमान का रखरखाव अच्छी तरह से किया गया था, आखिरी बार इसकी गहन जांच जून 2023 में की गई थी और अगली जांच दिसंबर 2025 में होनी थी। इसके दाएं इंजन की मार्च 2025 में मरम्मत की गई थी और बाएं इंजन की जांच अप्रैल 2025 में की गई थी। विमान और इंजन दोनों की नियमित रूप से जांच की गई थी, जिनमें उड़ान से पहले कोई समस्या नहीं दिखी थी।’’विल्सन ने कहा कि एयरलाइन के साथ-साथ पूरी एविएशन इंडस्ट्री इस त्रासदी की मुख्य वजह को जानने के लिए आधिकारिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्वास बहाली के उपाय के रूप में एयरलाइन अपने बोइंग 787 और 777 फ्लीट की उड़ान-पूर्व सुरक्षा जांच को सख्त कर रही है।
पीड़ित परिवार की मदद के लिए हरसंभव प्रयास करेगी कंपनी
एयर इंडिया के सीईओ विल्सन ने कहा कि कंपनी इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों की मदद करने के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदना इस क्षति से प्रभावित सभी लोगों के साथ है।’’ एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 में क्रू के 12 सदस्यों सहित कुल 242 लोग सवार थे। ये विमान 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेघाणी नगर इलाके में एक मेडिकल हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया था। इस हादसे में कुल 297 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें प्लेन में सवार 241 लोग भी शामिल हैं। इस दुर्घटना में सिर्फ एक ब्रिटिश यात्री जीवित बचा है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ