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Credit Card पर अगर लग रही है फीस ज्यादा तो कर लीजिए यह उपाय

क्रेडिट कार्ड को लेकर कई तरह के सवाल हमारे जेहन में आते हैं। इनमें से एक बड़ा सवाल है इसकी फीस। क्या है फीस से बचा जा सकता है

Edited By: India TV Business Desk
Published : Sep 28, 2022 18:35 IST, Updated : Sep 28, 2022 18:35 IST
Credit Card- India TV Paisa
Photo:INDIA TV Credit Card पर अगर लग रही है फीस ज्यादा तो कर लीजिए यह उपाय

Highlights

  • सरचार्ज यानी समय पर पैसा नहीं चुकता करने पर लगने वाली फीस
  • कार्ड पर मुख्यतौर पर तीन तरह की फीस लगती है
  • ज्यादातर बैंक अपने क्रेडिट कार्ड पर फीस और ब्याज काफी ऊंची रखते हैं

क्रेडिट कार्ड (Credit Card) मौजूदा दौर में एक ऐसा विकल्प है जो तब काम आता है जब हमें तुरंत लोन की आवश्यकता होती है। क्रेडिट कार्ड देने वाले कई बैंक और वित्तीय संस्था इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि क्रेडिट कार्ड से उच्च ब्याज प्राप्त करके अच्छी कमाई की जा सकती है।

यही वजह है कि ज्यादातर बैंक अपने क्रेडिट कार्ड पर फीस और ब्याज काफी ऊंची रखते हैं। हालांकि यह बात भी सही है कि ज्यादातर बैंक अपनी बहुत सी फीस को छुपाकर भी रखते हैं।

कार्ड पर मुख्यतौर पर तीन तरह की फीस लगती है।

1.       सालाना रखरखाव की फीस

2.       सरचार्ज यानी समय पर पैसा नहीं चुकता करने पर लगने वाली फीस
3.       लोन ली गई राशि पर ब्याज

अब इन तीनों ही फीस को कम करने पर चर्चा करते हैं। यह तीनों ही फीस एक तरह से कम की जा सकती है, लेकिन इसके लिए हमें पहले बैंक के द्वारा ली जाने वाली सालाना फीस के स्ट्रक्चर यानी सिस्टम को समझना होगा।

सालाना फीस

बैंक अपने क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड के रखरखाव या यूं कहें कि कार्ड इश्यू एवं प्रयोग करने की अनुमति देने के बदले में एक फीस लेते हैं। यह फीस अलग अलग कार्ड पर अलग अलग होती है। कार्ड की उपयोगिता क्या है यह इस बात पर निर्भर करता है। प्लेटिनम कार्ड है तो इसपर 500 से 700 रुपये तक की फीस हो सकती है। इसी तरह से अगर गोल्ड या सिल्वर कार्ड है तो इस पर 300 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की फीस हो सकती है। सबसे पहले एक कार्ड धारक को सालाना वसूली जाने वाली फीस को लेकर ही बैंक से बात करनी चाहिए। बैंक बातचीत एवं ग्राहक की उपयोगिता के हिसाब से इस फीस को कम भी कर देता है।

सरचार्ज यानी समय पर पैसा नहीं चुकता करने पर लगने वाली फीस

यह फीस तब वसूली जाती है जब ग्राहक समय पर लोन ली गई राशि चुकता नहीं कर पाता है। यह राशि ग्राहक बातचीत के आधार पर कम करवा सकता है। इसमें बैंक ग्राहक को लुभाने एवं बैंक के साथ लंबे समय तक बने रहने के लिए इस राशी को कम कर देता है। इससे ग्राहक की क्रेडिट लाइन पर भी असर नहीं पड़ता।

लोन ली गई राशि पर ब्याज

लोन ली गई राशि पर ब्याज भी ग्राहक बैंक के साथ बातचीत के आधार पर कम करवा सकता है। यह बैंक मैनेजर एवं ग्राहक के ग्राहक रिलेशन अफसर की मदद से कम करवाई जा सकती है। इसमें एक ग्राहक को करना यह होता है कि वह अपने बैंक के ग्राहक मैनेजर से संपर्क करें। एक आवेदन करे। आवेदन करने के बाद ग्राहक मैनेजर से बातचीत करें। ऐसा करने से बैंक लोन ली गई राशि पर ब्याज कम कर सकता है।

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