दुनिया की दिग्गज आईटी फर्म एसेंचर बड़े साइबर हमले का शिकार हुई है।
सरकार और उद्योग को साइबर हमलों को रोकने के लिए किसी संगठन के नेटवर्क से जुड़े उपकरणों को मान्यता देने को लेकर बहुत कड़ाई के साथ सत्यापन समेत बेहतर गतिविधियों को अपनाने की आवश्यकता है।
सुरक्षा शोधकर्ता विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को चेतावनी देते हुए कहा कि साइबर अपराधी फेसबुक उपयोगकर्ताओं को वायरस के रूप में फर्जी कॉपीराइट शिकायत भेज रहे हैं।
दूरसंचार क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर पंत ने कहा, ‘‘जहां अन्य देशों ने कौन सी कंपनी उसके यहां काम नहीं कर सकती, उसकी काली सूची तैयार की है, तो भारत ने उन कंपनियों की सूची तैयार की, जो भारत में काम कर सकती हैं।’’
सॉफ्ट लॉन्च के बाद 2 माह में कुल 1.85 करोड़ रुपये की रकम को जालसाजों के हाथों मे जाने से रोकने में सफलता पायी गयी।
खबर में दावा किया गया था कि एयर इंडिया, बिग बास्केट और डोमिनोज जैसे संगठनों के डेटा में सेंध लगने से एनआईसी के ईमेल खाते और पासवर्ड हैकर के पास चले गए हैं।
2020 में साइबर हमलों की घटनाओं में 59 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कोरोना महामारी क बीच हेल्थेकेयर सेक्टर की बढ़ती भूमिका के बीच सेक्टर पर साइबर हमले भी बढ़े हैं।
भारत में लगभग 52 प्रतिशत संगठनों ने कहा कि वे पिछले 12 महीनों में एक सफल साइबर हमले के शिकार हुए हैं। मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है।
कोरोना महामारी के समय में दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा, लेकिन इसके साथ ही बीते साल में रिमोट एक्सेस प्रोटोकॉल्स के खिलाफ साइबर हमले का सिलसिला भी काफी बढ़ा है।
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, अटैकर्स एक बार फिर से उन एक्सचेंज सर्वरों को निशाना बना सकते हैं, जिनमें वे पहले सेंधमारी कर चुके हैं। इन साइबर हमलों में डेटा चोरी मुख्य मकसद होता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय ने यह अलर्ट NHAI, NHIDCL और इसके अन्य विंग्स के लिए जारी किया है।
देश में सितंबर और अक्टूबर के बीच साइबर हमलों मासिक आधार पर तीन गुना से अधिक बढ़त देखने को मिली है। 2021 सोनिकवॉल साइबर थ्रेट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दिसंबर 2020 के दौरान 2.5 करोड़ से अधिक मैलवेयर हमले किए गए हैं।
भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले वित्त एवं बीमा क्षेत्र में दर्ज किए गए, जिसके बाद विनिर्माण और पेशेवर सेवाएं शामिल हैं। अपराधियों ने सबसे ज्यादा रैनसमवेयर का इस्तेमाल किया, इससे लगभग 40 प्रतिशत हमले हुए।
हैकिंग ग्रुप की पहचान बाद में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के इशारे पर काम करने वाली टीमलीट्स के रूप में की गई है।
सर्वे के मुताबिक उपभोक्ता ऑनलाइन मंच पर खुद को पर्याप्त रूप से सुरक्षित नहीं रख रहे हैं, क्योंकि केवल एक चौथाई यानि 27.5 प्रतिशत भारतीयों ने ही ऑनलाइन सिक्योरिटी सॉल्यूशन का इस्तेमाल किया है। जिससे बड़ी संख्या में भारतीय उपभोक्ता ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान जोखिम के दायरे में बने हुए हैं।
कुछ आसान से कदम उठाकर जैसे फोन, एसएमएस, ई-मेल और सोशल मीडिया पर कार्ड डिटेल्स, सीवीवी, एक्सपायरी डेट, ओटीपी, नेटबैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग लॉगिन आईडी और पासवर्ड आदि को बताने से बचकर आम लोग अपने धन को सुरक्षित रख सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट के तहत 7,000 प्रोजेक्ट की पहचान की गई है।
पिछले हफ्ते उसके आंतरिक सर्वर पर एक साइबर अटैक हुआ है और कंपनी के आईटी सिस्टम के जरिये यह वायरस पूरे नेटवर्क में फैल गया।
दुनियाभर में साइबर अपराध और डेटा चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इसकी एक बड़ी वजह पासवर्ड का चोरी हो जाना या कमजोर पासवर्ड होना है।
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