2025 का वर्ष भारतीय प्रॉपर्टी मार्केट के लिए मिले-जुले नतीजे लेकर आया, जहां मांग में गिरावट के बावजूद संपत्ति के मूल्य में स्थिर वृद्धि हुई। यह दर्शाता है कि बाजार के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग प्रभाव पड़े हैं और आने वाले साल में आर्थिक नीति और वैश्विक परिस्थितियां इस क्षेत्र को प्रभावित कर सकती हैं।
एक तरफ होम लोन की ब्याज दरों में नरमी है और बैंक ग्राहकों को सस्ती ईएमआई का लालच दे रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदने का सपना आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। ताजा रिपोर्ट बताती है कि प्रॉपर्टी की कीमतों में तेज उछाल ने ब्याज दरों में कटौती के फायदे को लगभग बेअसर कर दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदना पहले ही मुश्किल था, लेकिन अब हालत यह है कि कीमतें इतनी तेजी से बढ़ रही हैं कि आम खरीदार की नींद उड़ चुकी है। रियल एस्टेट सेक्टर में ऐसे उछाल की उम्मीद किसी ने नहीं की थी।
दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं है। दिल्ली से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) तक का सफर घंटों नहीं, बल्कि सिर्फ कुछ ही मिनटों का होगा। दिल्ली और नोएडा एयरपोर्ट के बीच बनने वाला हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर आने वाले वर्षों में एनसीआर की लाइफलाइन साबित होगा।
दिल्ली-NCR के रियल एस्टेट बाजार में इस समय जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है। एनारॉक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में दिल्ली-एनसीआर के प्राइमरी हाउसिंग मार्केट में घरों की औसत कीमतों में सालाना 24% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दिल्ली-एनसीआर का ऑफिस रियल एस्टेट मार्केट इस समय तेजी की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही में कॉर्पोरेट्स की बढ़ती मांग के चलते नेट लीजिंग 2.5 गुना बढ़कर 37.9 लाख वर्ग फीट पहुंच गई।
इस बड़े प्रोजेक्ट को लेकर यूपी सरकार का उद्देश्य लखनऊ के साथ-साथ इससे सटे जिलों का भी बड़े पैमाने पर शानदार विकास करना है।
पैसेंजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को यह फैसला करना पड़ा। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में कांवड़ियों की भारी संख्या होती है।
यूनिट्स की संख्या के लिहाज से मुंबई सबसे बड़ा हाउसिंग मार्केट बना रहा, जिसकी बिक्री साल-दर-साल स्थिर रही। जबकि, एनसीआर में 8% की गिरावट दर्ज की गई है।
मैक्रोटेक डेवलपर्स के कार्यकारी निदेशक (वित्त) सुशील कुमार मोदी ने पीटीआई को बताया कि बेंगलुरु में उसके प्रोजेक्ट्स शुरू हो चुके हैं और अब कंपनी एक नए शहर में प्रवेश करने के लिए तैयार है।
लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु और हैदराबाद में कीमतों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि अहमदाबाद और कोलकाता में 4 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई।
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कीमतों में तेजी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए विकास और समृद्धि की कहानी कहती हैं। हालांकि, ये भारत के मध्यम वर्ग पर बढ़ते बोझ का भी संकेत हैं।
अनुज पुरी ने कहा कि पुणे, कोलकाता और चेन्नई के इलाकों में विपरीत प्रवृत्ति देखी गई। इन शहरों में घरों की कीमतों की तुलना में किराये में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। सोहना रोड पर औसत मूल्य कैलेंडर ईयर 2021 के अंत में 6600 रुपये प्रति वर्ग फुट से 59 प्रतिशत बढ़कर 2024 के अंत में 10,500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।
इस प्रोजेक्ट को नोएडा अथॉरिटी द्वारा पूरा किया जाएगा, जिसके लिए गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के आसपास स्थित गांवों में बड़े लेवल पर जमीन खरीदी जाएगी।
कंपनी ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के लिए फ्लैट की कीमत सिर्फ 5.35 लाख रुपये होगी जबकि निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए बने फ्लैट की कीमत 12.58 लाख रुपये से शुरू होगी। ये प्रोजेक्ट गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में 40 एकड़ में फैली प्रतीक ग्रैंड सिटी टाउनशिप का हिस्सा है।
CNG Price Cut in Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर में सीएनजी गैस उपलब्ध करानी वाली कंपनी आईजीएल की ओर से सीएनजी की कीमतों में कटौती की गई है।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में 289 एकड़ में फैले 24 अलग-अलग भूमि सौदे हुए, जिनकी कीमत 11,222 करोड़ रुपये थी। चेन्नई में, आठ अलग-अलग सौदों में 1,220 करोड़ रुपये में 209 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 24,944 करोड़ रुपये, गाजियाबाद में 4,404 करोड़ रुपये, दिल्ली में 2,610 करोड़ रुपये और फरीदाबाद में 470 करोड़ रुपये मूल्य के घरों की बिक्री पिछले साल हुई।
देश के रियल एस्टेट कारोबार में इस साल बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इसके तहत 2023 की अप्रैल तिमाही में मुंबई में मकानों की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है।
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