1 दिसंबर 2019 से कई नियमों में बदलने होने जा रहा है। ये बदलाव आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे।
तेल विपणन कंपनियों ने लगातार तीसरे महीने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। कंपनियों ने रसोई गैस की कीमतों में एक बार फिर इजाफा किया है जिससे रसोई गैस सिलेंडर महंगा हो गया है।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आग लगी हुई थी। वहीं हर घर की रसोई में काम आने वाला एलपीजी सिलिंडर अब और महंगा हो गया है।
एक रुपए में आमतौर पर एक टॉफी या चॉकलेट मिलना भी मुश्किल होता है, लेकिन यदि कोई महिला एक रुपए में लोगों को इडली खिला रही हो, तो उसका सुर्खियों में आना लाजमी है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक 80 साल की बुजुर्ग महिला का इडली बनाकर खिलाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
सितंबर महीने के पहले दिन ही आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ रही है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज यानी 1 सितंबर 2019 से जहां बगैर सब्सिडी वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 16 रुपए तक बढ़ा दिए हैं।
देश में आज यानी 1 अगस्त 2019 से वित्तीय नियमों को लेकर कई अहम बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है।
घरेलू गैस उपभोक्ता को अगस्त में 14.2 किलो का सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 574.50 रुपये का मिलेगा। जुलाई में इसके लिये 637 रुपये चुकाने पड़ते थे।
बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर का दाम 100.50 रुपये प्रति सिलेंडर घट गया है। एक जुलाई से दिल्ली में घरेलू इस्तेमाल का सिलेंडर 637 रुपये में उपलब्ध होगा। तेल कंपनियों ने यह जानकारी दी है।
आज (1 जुलाई 2019) से देश में ये नियम बदल जाएंगे, जिनका आपकी जेब पर सीधा असर असर होगा।
दोनों कंपनियों ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि बीपीसीएल और एचपीसीएल 9,000 करोड़ रुपए की परियोजना में 25-25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी।
रसोई गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के बाजार भाव में 25 रुपए का इजाफा हो गया है।
अगर कोई गैस एजेंसी आपको सिलेंडर की होम डिलिवरी नहीं देती और सिलेंडर लेने के लिए एजेंसी गोडाउन जाना पड़े। तो ऐसे में आप उस गैस एजेंसी से एक तय राशि ले सकते हैं।
सरकार एक वित्त वर्ष में एक परिवार को केवल 12 सिलेंडर पर ही सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा की जाती है।
पहली अप्रैल से रसोई घरों पर महंगाई की नई मार पड़ी है। पेट्रोलियम कंपनियों ने बिना सब्सिडी वाले और सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि कर दी है।
आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के अगले दो महीनों में बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार को देखते हुए परिवहन ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना है।
एलपीजी सिलेंडर के दाम में यह वृद्धि तीन माह तक लगातार कटौती के बाद की गई है। आईओसी ने बयान में कहा है कि ईंधन का बाजार मूल्य बढ़ने पर पड़ने वाले टैक्स प्रभाव से कीमतों में यह वृद्धि हुई है।
कंपनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत घटने और डॉलर-रुपए विनिमय दर के मजबूत होने से रसोई गैस की कीमतों में यह कमी आई है।
वित्त वर्ष 2017-18 में देश में करीब 4,00,000 टन ऑटो एलपीजी कि बिक्री हुई। इससे पहले के वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 3,46,000 टन का था।
नए साल का स्वागत खुशियों से करने के लिए तेल मार्केटिंग कंपनियों ने 2018 के आखिरी दिन रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कटौती की घोषणा की है।
सरकार ने सभी गरीब परिवारों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने के लिए उज्ज्वला योजना के विस्तार के पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी।
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